:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली। नगर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में गणेशोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है ।
वर्तमान में सार्वजनिक गणेशजी बैठाने के साथ ही घर घर मे श्री गणेश जी की
प्रतिमाएं विराजीत कर विधि विधान से पूजा अर्चना की जा रही है।
वर्तमान में अभी नगर के विभिन्न चौक चैराहो में परंपरागत रूप से वर्षो से जहां सार्वजनिक रूप से गणेश मूर्ति भव्य पंडालों के साथ स्थापित की जाती थी वहां आज मूर्ति स्थापित की जा रही है । पर वर्षो पूर्व नगर में जो गणेशोत्सव की धूम हुआ करती थी वह लगभग फीकी हो चुकी है ।

अब सिर्फ औपचारिकता ही रह गया है । महंगाई , समय , बेतहासा खर्चो की वजह से नगर का गणेशोत्सव फीका होने लगा है किंतु इसके बावजूद उत्साह में कमी नही हुई है ।
एक समय था जब सरायपाली के गणेशोत्सव की धूम हुआ करती थी । काफी भव्य व विशाल रूप में विभिन्न स्थानों पर प्रतिमाएं स्थापित की जाती थी । पूरे 10 दिनों तक विभिन्न सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रम हुवा करते थे ।
मनोरंजन के विभिन्न साधनों की वजह से रात भर व सुबह होते तक नाटक वगैरहा का लाभ भक्तगण व ग्रामीणजन उठाया करते थे । इस दौरान नगर का माहौल पूरा मेला मयी हो जाया करता था । इस तरह के आयोजन रात से लेकर सुबह तक आयोजित हुआ करते थे । दूर दूर से लोग सरायपाली के गणेशोत्सव देखने आते थे ।

सरायपाली के गणेशोत्सव को भव्य, विशाल व आकर्षक बनाये जाने के जनक नगर सेठ के नाम से जाने जाने वाले सोहनलाल मोतीलाल जिन्हें मोतिया सेठ के नाम से जाना जाता था । उन्होंने ही गणेशोत्सव को इतना विशाल व आकर्षक त्योहार बना दिया था । नगर की नही आसपास के क्षेत्र में सबसे बड़ी व विशाल मूर्ति स्व.मोतिया सेठ ही विराजते थे । उनके ही प्रयासों व लगन के कारण नगर का यह त्योहार दूर दूर तक ख्याति अर्जित कर चुका था । किंतु उनके निधन के बाद नगर का गणेशोत्सव भी धीरे धीरे फीका होने लग गया ।किंतु उनके वंशजो व परिजनों द्वारा आज भी शंकर राइस मिल के विशाल प्रांगण में आज भी सबसे बड़ी व आकर्षक सजावट के साथ मूर्ति स्थापना की जाती है । इस परम्परा को उनके वंशजो ने आज भी जीवित रखा हुआ है