Mother Brahmacharini माँ ब्रह्मचारिणी
Mother Brahmacharini नवरात्र का दूसरा दिवस माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है। शक्ति ही जीवन और जगत का आधार है। शक्ति के बिना जीवन अधूरा और निष्प्राण हो जाता है। जीवनदायिनी शक्ति की पूजा का पर्व ही नवरात्र है। नवरात्र के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
ब्रह्म चारिणी अर्थात ब्रह्म को भी चारण यानि अनुशासित करने वाली शक्ति। ब्रह्म चारिणी का दूसरा अर्थ है जो ब्रह्म में ही विचरण करे जो स्वयं ही ब्रह्म स्वरुप हो जाए। माँ ब्रह्मचारिणी अति सौम्य, सरल, सदा प्रसन्न रहने वाली और कभी भी क्रोध ना करने वाली देवी हैं।
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Mother Brahmacharini जिस जीवन में विनम्रता, सहजता होगी और पवित्रता होगी, वहाँ ब्रह्म स्वयं आते हैं। क्रोध जीवन की ऊर्जा का ह्रास करता है। क्रोध भय, अशांति, विषाद देता है। क्रोध से अपने लोग भी एक दिन पराये हो जाते हैं। परम शाँत स्वरूप में रहकर ही देवी ब्रह्म चारिणी शक्ति संपन्न होकर सबको नियंत्रित कर रही हैं।