:राघवेंद्र पांडेय:
रायपुर: राजधानी का मित्तल हॉस्पिटल अब सिर्फ एक अस्पताल नहीं,
बल्कि ‘हॉस्पिटल माफिया’ के एक गढ़ के रूप में उभर रहा है,
जहां से आ रही कड़ियों ने पूरे प्रदेश को सकते में डाल दिया है।
ताजा मामले में कड़िया सुपारी किलिंग से भी जुड़ती दिख रहीं है l
मामले में पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिलते दिख रहीं है, जहा तीसरा आरोपी भी अब पुलिस के शिकंजे में है, और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह आरोपी कोई और नहीं, बल्कि मित्तल हॉस्पिटल की कैंटीन का ही कर्मचारी है! पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है और मामले में धारा 151 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
बता दे कि मित्तल हॉस्पिटल पर आयुष्मान कार्ड को एटीएम कार्ड की तरह इस्तेमाल करने और मरीजों से अलग से नगद वसूली करने का गंभीर आरोप है।
हालांकि (CMHO) द्वारा इस पर 3 महीने की कार्रवाई की अनुशंसा भी की जा चुकी है, लेकिन प्रशासन की ढिलाई के कारण कार्रवाई अब तक अटकी पड़ी है। वही सवाल यह उठता है कि क्या एक अस्पताल प्रबंधन अब गुंडागर्दी और दादागिरी पर उतर आया है? जिस तरह से सुपारी किलिंग जैसी हरकतें सामने आई हैं, यह साफ दिखाता है कि मित्तल हॉस्पिटल प्रार्थी पक्ष को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहा है। साथ ही कैंटीन कर्मचारी का बयान और भी रहस्यमय होता दिखाई दे रहा है, कैन्टीन कर्मचारी का कहना है कि उसने अपने मालिक को खुश करने के लिए जानकारी एकत्रित की थी।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या एक कैंटीन कर्मचारी इतनी गंभीर साजिश के लिए जानकारी जुटा सकता है?क्या यह केवल मालिक को बचाने के लिए दिया गया बयान है? वही इतनी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस इस मामले को किस हद तक गंभीरता से ले रही है, यह देखने का विषय है।
बता दें कि इस मामले में पीड़ित पक्ष ने अजाक थाने में भी मामले की शिकायत दर्ज करायी है, साथ ही पीड़ित ने न्यु राजेंद्र नगर थाना प्रभारी पर भी अस्पताल से सेटलमेंट करने को लेकर सलाह देने का आरोप लगाया है l फिलहाल, मित्तल हॉस्पिटल से जुड़ी हर एक कड़ी खुलती जा रही है और मामला दिन-प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है। देखना होगा कि छत्तीसगढ़ पुलिस और प्रशासन इस ‘हॉस्पिटल माफिया’ पर कब और क्या निर्णायक कार्रवाई करते हैं।