Milk production दूध उत्पादन और मांग बराबर

Milk production

राजकुमार मल

Milk production  मिल रहे संकेत, संतुलन बिगड़ने के

Milk production  भाटापारा- सीजन का सामना करने की तैयारी में लगी हुई हैं डेयरियां। यह तैयारी समय रहते नहीं की गई, तो शादी-ब्याह जैसे आयोजन के लिए निकलने वाली मांग पूरी नहीं की जा सकेगी। इसलिए यह क्षेत्र, विशेष सतर्कता बरत रहा है ताकि मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बना रहे।

Milk production  ठंड का मौसम। होटल और चाय- कॉफी काउंटरों में सुबह-शाम ही नहीं, दोपहर में भी चाय के शौकीनों की भीड़ बढ़ती नजर आने लगी है। ऐसी स्थिति में दूध उत्पादकों पर मांग का दबाव बढ़ता नजर आ रहा है। उत्पादन का स्तर बना रहे इसके लिए प्रयास जारी हैं लेकिन कम होते हरा चारा और रेडीमेड पशु आहार की बढ़ती कीमतें हलाकान किए हुए है।

मौसम का तकाजा

Milk production  शीत ऋतु याने चाय-कॉफी के दिन। घर ही नहीं ह़ोटल, टी और कॉफी सेंटर भी, सारा दिन निकल रही मांग के दबाव में हैं। असर डेयरियों पर स्वाभाविक रूप से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। यह आगामी दो माह तक बना रहेगा। इसलिए डेयरियां, सीजन की मांग को पूरा करने की कोशिश में लगी हुई हैं।

यह दबाव बहुत जल्द

Milk production  शादियों की तारीखें दूर नहीं हैं। यहां से निकलने वाली मांग, व्हाया कैटरर्स से होती हुई डेयरियों तक पहुंच रही है। अग्रिम सौदे जिस मात्रा में हो रहे हैं, उससे यह क्षेत्र दुविधा में है कि नियमित और नए क्षेत्र की मांग के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए ? यह दुविधा इसलिए बन रही है क्योंकि उत्पादन का स्तर जस-का-तस बना हुआ है।

हाल कुछ ऐसा है

शहर क्षेत्र में प्रतिदिन 9000 लीटर दूध का उत्पादन होना बताया जा रहा है। मांग भी इसके आसपास ही है लेकिन इसमें लगभग 20 प्रतिशत बढ़त के संकेत मिल रहे हैं क्योंकि सीजन और शादियों की मांग पहुंच रही है। बड़ी दिक्कत इसलिए देखी जा रही है क्योंकि बदलते मौसम के अनुरूप दुधारू मवेशी अपने आप को तैयार नहीं कर पाए हैं। दूसरी परेशानी हरा चारा की मात्रा में कमी के रूप में सामने आ चुकी है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU