निर्वाचित और सामाजिक पद में बैठी महिलाओं को विधायक चातुरी नन्द का संदेश





उक्त कथन सरायपाली की विधायक चातुरी नन्द द्वारा उन सभी निर्वाचित व सामाजिक क्षेत्र में पदोनित महिलाओं को संबोधित करते हुवे कहा कि यदि हमें लंबे समय तक राजनीति व सामाजिक क्षेत्रो में सक्रियता के साथ जंज़ीव करना है तो हमे स्वयं अपने पद की गरिमा के अनुसार दिए गए दायित्यों को पुर करना होगा । यदि हमारे स्थान पर प्रतिनिधि के रूप में यदि हम किसी अन्य को चाहे वह कोई भी हो को यह दायित्व सौंपते हैं तो यह एक ओर महिला सशक्तिकरण के भावनाओ को प्रभावित करता है तो वहीं सरकार के उद्देश्यों को भी पूरा नही करता है । इससे सबसे अधिक नुकसान हम महिलाओं को ही होता है ।

इससे हम जिस पद में बैठे है उसके प्रति न्याय नही कर पाते हैं । महिलाओं की सक्रिय भागीदारी उन्हें अनुभवःसीखने व समझने के साथ ही हमे कार्य कैसे व किस तरह करने का अनुभव भी होता है जिसका लाभ हमे आने वाले अन्य पदों के लिए भी मिलता है । कार्यों को समझने व इसे करने की स्वयं में क्षमता भी उत्पन्न होती है ।
विधायक श्रीमती चातुरी नन्द ने महिलाओं को टीप देते हुवे कहा कि जब तक महिलाएं मुखर नही होंगी , किसी भी चीज को समझने व जानने का प्रयास जब तक नही करेंगी तब तक अनुभव व ज्ञान को हम समझ नही पाएंगे ।


ज्ञातव्य हो कि विधायक चातुरी नन्द अपनी सक्रियता , ज्ञान ,अनुभव , कार्यक्षमता व बेबाक कथन के कारण चर्चित रहीं है । वे चाहती हैं कि क्षेत्र की चुनी हुई महिलाएं भी अपनी पहचान स्वयं बनावें व उसे निखारें । जब तक महिलाओं में झिझक रहेगी वे आगे नही बढ़ सकेंगी ।
विधायक बनने के बाद हमेशा की तरह मुखर रही विधायक चातुरी नंद एक बार फिर अपने कार्यशैली और साहसिक फैसलों से क्षेत्र की जनता के बीच सशक्त नेतृत्व का उदाहरण प्रस्तुत किया है। एक साधारण परिवार से आने वाली शासकीय शिक्षिका चातुरी नंद, जब पहली बार विधायक बनीं, तब से ही उन्होंने जनता की आवाज़ को विधानसभा तक पहुंचाने और क्षेत्रीय समस्याओं को प्राथमिकता देने का कार्य किया है. जिसकी सराहना विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन ने भी की है।

हाल ही में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव के सरायपाली प्रवास के दौरान हुए घटनाक्रम ने एक बार फिर चातुरी नंद की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और नेतृत्व क्षमता को उजागर किया है ।
कार्यक्रम के दिन पुलिस प्रशासन द्वारा कांग्रेस से जुड़े प्रतिनिधियों को थाने में बिठाए जाने की घटना सामने आई। इस मुद्दे पर विधायक चातुरी नंद ने थाने में जाकर कड़ा विरोध दर्ज करते हुए अधिकारियों से नोंक-झोंक की जबरन पुलिस द्वारा कार्यकर्ताओ को थाने में लाने का विरोध करते हुवे उन्हें थाने से लेकर आयी व स्वयं उपमुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पहुंचकर पूरी निडरता से अपनी बात रखी।

अपने भाषण में उन्होंने जनता की समस्याओं को प्रमुखता देते हुए सरायपाली में गौरवपथ निर्माण के दौरान हुई अनियमितताओं और गुणवत्ता हीन कार्यों की ओर उपमुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया और संबंधित अधिकारियों को सुधार हेतु निर्देशित करने की मांग की। उनकी यह बेबाक कार्यशैली और जनता के प्रति जवाबदेही ने उन्हें और अधिक लोकप्रिय बना दिया है।

महत्वपूर्ण बात यह भी रही कि इस पूरे घटनाक्रम ने महिला जनप्रतिनिधियों के लिए एक सशक्त संदेश भी दिया कि आपकी सक्रियता व मुखरता ही आपको आगे लेकर जा सकती है ।


अक्सर देखा जाता है कि महिला जनप्रतिनिधियों के नाम पर पदों का उपयोग उनके प्रतिनिधि करते हैं, लेकिन विधायक चातुरी नंद ने यह साबित किया कि महिलाएं स्वयं भी अपने अधिकारों और दायित्वों को पूरी निष्ठा और मजबूती से निभा सकती हैं।

वर्तमान में सरायपाली क्षेत्र में कई महिला जनप्रतिनिधि विभिन्न पदों पर आसीन हैं, जिनमें जिला पंचायत अध्यक्ष , नगर पालिका अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य , सरपंच व पंच पदों पर आसीन है तो वही राजनैतिक पार्टियों में भी महिलाएं शामिल हैं।

ऐसे में चातुरी नंद जैसी जनप्रतिनिधियों से उन्हें सीख लेनी चाहिए और अपने पद व अधिकारों का उपयोग खुद करते हुए महिला सशक्तिकरण को वास्तविक रूप देना चाहिए। चातुरी नंद आज न केवल सरायपाली की, बल्कि पूरे राज्य की महिलाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभरी हैं। उनके इस साहसिक और दृढ़ दृष्टिकोण की सराहना जनसामान्य से लेकर राजनीतिक हलकों तक में की जा रही है।

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