साहिल-मुस्कान ने 10-12 बार में गला काटा
3 स्तर पर जांच चल रही
मेरठ
मेरठ में सौरभ राजपूत मर्डर के 27 दिन बीत चुके हैं। इस हत्याकांड में 3 स्तर पर जांच चल रही है। पहली- पुलिस, दूसरी- फोरेंसिक टीम और तीसरी-साइबर सेल। पुलिस केस डायरी, साइबर सेल की मोबाइल जांच के बाद अब फोरेंसिक टीम की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं।
साहिल और मुस्कान ने सौरभ के टुकड़ों को पहले सूटकेस में भरकर ठिकाने लगाने का प्लान बनाया था, लेकिन उस हिसाब से सूटकेस छोटा पड़ गया। इस पर अगले दिन मुस्कान ड्रम खरीदकर लाई और उसमें बॉडी के टुकड़े सीमेंट से सील कर दिए।
हत्या करने के बाद उसी चादर में हाथ पोछे जो बेड पर बिछा था। सौरभ की गर्दन काटने के लिए 10-12 बार गला रेता गया। इससे खून के छींटे पूरे कमरे में फैल गए। 18 मार्च को हत्याकांड के खुलासे के दिन से लेकर 25 मार्च को सौरभ के कमरे की जांच तक फोरेंसिक टीम ने क्या सबूत जुटाए?
फोरेंसिक टीम को कमरे से बाथरूम तक करीब 25 जगह पर खून के निशान मिले। इनमें बेडशीट, फर्श, कमरे-बाथरूम की दीवारें, बेड की साइड की लकड़ियां और चाकू शामिल हैं। फोरेंसिक टीम ने इन सभी जगहों पर बेंजाडीन टेस्ट किया। यहां पर ब्लड और कुछ जगहों पर साहिल-मुस्कान के फिंगर प्रिंट मिले। खून के धब्बे चेक करने के लिए ल्यूमिनॉल नाम के केमिकल का इस्तेमाल किया गया। जिस तरह खून के छींटे कई जगह पर फैले हुए मिले, उससे साफ हो रहा है कि सौरभ की गर्दन काटने के लिए 10 बार से ज्यादा गला रेता गया। हाथ काटने के लिए भी कई वार किए गए। इसी वजह से खून चारों तरफ फैल गया। फोरेंसिक टीम ने बेडरूम से लेकर बाथरूम तक पूरी मैपिंग की है। इसके बाद कहां-कहां पर किस तरह के खून के निशान मिले, इसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की है। फोरेंसिक टीम ने करीब 3 घंटे तक सौरभ के कमरे में जांच की, जहां से अहम सबूत जुटाए।