Mastmaula play- जनमंच में नाटक मस्तमौला का मंचन

रायपुर। सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था योगी स्पन्दन आर्ट कल्चर एजुकेशन फाउंडेशन के द्वारा आयोजित की गई नाट्य कार्यशाला में तैयार नाटक मस्त मौला का मंचन जनमंच पर किया गया।

श्रीमती अर्पिता बेडेकर द्वारा निर्देशित और जयवर्धन द्वारा लिखित नाटक मस्तमौला का मंचन हुआ। इस मंचन को सभी नाट्य प्रेमियों ने सराहा। नाटक में कलाकार पंडित पंजीरीलाल- रुपेश यादव, रंगीले- सूर्या तिवारी, सुरीले- ठावेन्द्र रजक, छबिले- शशांक नायडू, फोकट- विजय चौहान, आरती- श्रीरंजीनी केहरी, केंटीनवाली- प्रीति यादव, डॉ बेदर्द/बाबूजी- देशान्त सिंह ठाकुर, अख़बार/दुकानदार/आदमी/सेठ- लक्ष्मीकांत दुबे ने भाग लिया। नाटक की कथावस्तु में मकान मालिक और उनके किरायेदारों के जरिये कलाकारों के संघर्ष की कहानी प्रस्तुत की गईं। कहानी मकान मालिक पंडित पंजीरीलाल और किरायेदार रंगीले, सुरीले, छबिले के इर्द-गिर्द घूमती है। नाटक के जरिए यह बताने की कोशिश की गई स्वतंत्र कलाकार संघर्ष के बावजूद किस तरह मस्त रहते हैं और कहलाते है मस्तमौला। मकान मालिक की बेटी आरती व नौकर फोकट के साथ अन्य किरदार जिनमे केंटीन वाली, दुकानदार, अख़बार वाला, आदमी, बाबूजी डॉ. बेदर्द भी हैं, जो हास्य और व्यंग्य के साथ दर्शकों को गुदगुदाते हैं।

इस नाट्य प्रस्तुति में मंच से परे – मंच, रूप वेशभूषा-अरुण भांगे- संगीत पक्ष-हारमोनियम-लालाराम लोनिया, तबला- गौरव पटेल, विशेष सहयोग सुभाष मिश्र, सहयोग-अमित बेडेकर, हितेश पांडेय, केयूर बेडेकर, आनंद सिंग, महेंद्र राजपूत हैं।