नारायणपुर: सुरक्षा बलों के लगातार अभियान और सरकार की पुनर्वास नीति का असर दिखाई देने लगा है। नारायणपुर जिले में 4 महिला और 2 पुरुष माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें अमदेई एरिया कमेटी सदस्य, एलओएस सदस्य और पार्टी कार्यकर्ता शामिल हैं।
आत्मसमर्पित माओवादी
1. धनाय हलामी (24 वर्ष) – अमदेई एरिया कमेटी सदस्य (ईनाम: ₹5 लाख)
2. दशमती कोवाची (20 वर्ष) – नेलनार एलओएस सदस्य (ईनाम: ₹1 लाख)
3. सुकाय (रोशनी) पोयाम (20 वर्ष) – कुतुल एरिया पार्टी सदस्य (ईनाम: ₹1 लाख)
4. चैतराम उसेण्डी (रूषी) (28 वर्ष) – सीसी गार्ड (ईनाम: ₹1 लाख)
5. गंगू पोयाम (20 वर्ष) – डीवीसी गार्ड (ईनाम: ₹1 लाख)
6. शारी (गागरी) कोवाची (20 वर्ष) – एसीएम गार्ड (ईनाम: ₹1 लाख)
क्यों छोड़ा नक्सलवाद
– विकास कार्यों का प्रभाव: माड़ क्षेत्र में तेजी से बन रही सड़कें और बेहतर होती सुविधाएं।
– संगठन में मतभेद: नक्सलियों के बीच बढ़ते आंतरिक विवाद और भेदभाव।
– सरकारी योजनाओं का लाभ: पुनर्वास नीति के तहत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि और अन्य सुविधाएं।
सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता
– “माड़ बचाओ अभियान” के तहत आईटीबीपी, बीएसएफ और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई।
– इस साल 110 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
-पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. ने कहा, “नक्सलियों को अब समझ आया कि हिंसा का रास्ता गलत है।”