महाशिवरात्रि विशेष : भूतेश्वरनाथ धाम, जहां हर साल बढ़ता है शिवलिंग का आकार…

CG News : गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित भूतेश्वरनाथ धाम महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिवभक्तों के आस्था का केंद्र बन गया है। यहां स्थित विश्व के सबसे विशाल स्वयंभू शिवलिंग की खासियत यह है कि इसका आकार हर साल बढ़ता जा रहा है। महाशिवरात्रि के मौके पर यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं।

CG News : भूतेश्वरनाथ धाम की विशेषता-
भूतेश्वरनाथ धाम में स्थित शिवलिंग स्वयंभू है, जिसका आकार हर साल बढ़ता जा रहा है। 1978 में इसकी ऊंचाई 48 फीट थी, जो 2022 तक बढ़कर 72 फीट हो गई है। यह धाम हरे-भरे वनों और प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है, जो श्रद्धालुओं के मन को शांति प्रदान करता है। शिवलिंग के पीछे बाबा की प्रतिमा है, जिसमें माता पार्वती, गणेश, कार्तिक और नंदी के साथ पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन होते हैं। शिवलिंग के समीप प्राकृतिक जलहरी है, जहां श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं।

CG News : महाशिवरात्रि पर विशेष आयोजन-
महाशिवरात्रि के अवसर पर भूतेश्वरनाथ धाम में तीन दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचकर भगवान शिव के दर्शन और पूजा-अर्चना करते हैं। पुलिस प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।

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CG News : शिवलिंग की महिमा-
मान्यता है कि भूतेश्वरनाथ महादेव के दर्शन और पूजा से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस शिवलिंग की खोज एक वृद्धा माताजी ने की थी, जो कोल्हापुर (महाराष्ट्र) से आई थीं। तब से यह स्थान शिवभक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन गया है। शिवलिंग पर गंगा, चंद्रमा और त्रिपुंड के प्राकृतिक चिन्ह स्पष्ट दिखाई देते हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं।

CG News : कैसे पहुंचें?
भूतेश्वरनाथ धाम गरियाबंद जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। राजिम (छत्तीसगढ़ का प्रयाग) से यह धाम 48 किलोमीटर दूर है।

CG News : महाशिवरात्रि का महत्व-
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। श्रद्धालु इस दिन व्रत रखकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं और बेलपत्र चढ़ाते हैं। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं।

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