लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर शुरू हुई विशेष चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी वंदे मातरम प्रेरणा का स्रोत बन सकता है, यदि देश इस मंत्र का सामूहिक रूप से सदुपयोग करे।
“वंदे मातरम ने आजादी के आंदोलन को ऊर्जा दी” — पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वंदे मातरम ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा, ताकत और संकल्प दिया था।
उन्होंने कहा—
“यह हमारा सौभाग्य है कि हम वंदे मातरम के 150 वर्षों के ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि जब वंदे मातरम के 50 वर्ष पूरे हुए थे, तब देश गुलामी की बेड़ियों में कैद था। और जब 100 वर्ष पूरे हुए, तब भारत आपातकाल की स्थिति से गुजर रहा था, जब लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान को दबाने का प्रयास किया गया।
उन्होंने कहा कि यह कालखंड भारत के इतिहास का काला अध्याय था, जब देशभक्ति की आवाज उठाने वाले अनेक लोग जेलों में बंद कर दिए गए थे।
“चर्चा देश को एकजुट होने की प्रेरणा देगी”
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि वंदे मातरम पर यह विस्तृत चर्चा आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रहित में साथ मिलकर चलने की प्रेरणा देगी।
उन्होंने कहा—
“हमने इस विषय पर सामूहिक चर्चा का रास्ता चुना है। यह वही जयघोष है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को ऊर्जा, प्रेरणा और त्याग का मार्ग दिखाया था।”
ऐतिहासिक अवसरों का भी उल्लेख
अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने संविधान के 75 वर्ष, सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, और गुरु तेगबहादुर के बलिदान के 350 वर्ष पूरे होने का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि ये सभी अवसर भारत की प्रेरणादायक ऐतिहासिक यात्रा को संजोते हैं और देश को निरंतर आगे बढ़ने की शक्ति देते हैं।