Lifestyle ठीक नहीं है बच्चों से मारपीट करना, पकड़ लेते हैं गलत राह

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Lifestyle ठीक नहीं है बच्चों से मारपीट करना, पकड़ लेते हैं गलत राह

Lifestyle आज का युवा दम्पत्ति माता-पिता बनने से पहले ही अपने होने वाले बच्चे को हर सुविधा देने का प्रयत्न शुरू कर देते हैं। माता-पिता बनने के बाद वे अपने बच्चे पर अपनी जिन्दगी कुर्बान कर देते हैं। लेकिन कई बच्चे ऐसे होते हैं जो अपनी शैतानियों से माँ-बाप को परेशान कर देते हैं।

Lifestyle बच्चों की शैतानियाँ जब हद से ज्यादा गुजर जाती हैं तो माँ-बाप अपने बच्चे पर हाथ उठाना शुरू कर देते हैं। एक बार जब माँ-बाप का हाथ उठना शुरू हो जाता है तो वह बच्चे पर एक आदत सा बन जाता है।

Lifestyle हालांकि माँ-बाप का इरादा बस इतना होता है कि बच्चे उस गलती को बार-बार न दोहराएं। आप और हम अक्सर यह सोचते हैं कि बच्चे को हम पीट दिया अब वो कोई गलती नहीं करेगा। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि बच्चों को पीटकर सबक सिखाना बिल्कुल गलत है।

Lifestyle बच्चों पर माता-पिता का हाथ उठाने का शारीरिक असर तो होता ही है लेकिन उससे ज्यादा बच्चे भावनात्मक स्तर पर प्रभावित होते हैं। बच्चों से मारपीट का असर गलत होता है इस बात का अहसास माता-पिता को तब होता है जब बच्चा गलत राह पर चला जाता है।

Lifestyle आज हम अपने पाठकों को उन दुष्परिणामों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बच्चों पर हाथ उठाने से सामने आते हैं—

1. अक्सर बच्चे गलती करने के बाद होने वाली पिटाई से बचने के लिए झूठ बोलते हैं, इस तरह धीरे-धीरे झूठ बोलना उनकी आदत में शुमार हो जाता है। माता-पिता के लिए यह आवश्यक है कि वह बिना मारपीट किए बच्चे की इस आदत को सुधारें। अपने प्रेमपूर्वक व्यवहार से वे इस बात की जानकारी लें कि आखिर क्योंकर बच्चे ने झूठ बोला है। कारण जानने के बाद उसके साथ मारपीट न करें अपितु उसे प्यार से अपनी गलती का अहसास कराएँ।

2. बच्चों को मार-पीटकर माता-पिता उन पर नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास करते हैं, धीरे-धीरे वे माता-पिता के इस तरीके को सही मानने लगते हैं और फिर वे स्वयं यही काम अपने हमउम्र साथियों के साथ करने लगते हैं।

3. माता-पिता बच्चों के रोल मॉडल होते हैं और ज्यादातर बातें अपने माता-पिता और आसपास के अन्य लोगों से सीखते हैं। छोटी-छोटी बातों पर बच्चे को डांटने और मारने से उसके मन में डर बैठ जाता है। जिससे वह कोई भी काम सही तरीके से नहीं कर पाता है। उसे इस बात का अहसास होता है कि सही करने पर भी उसकी पिटाई होगी, जिसके चलते वह उस काम को सही नहीं कर पाता है।

4. बच्चों को मारने पर न केवल उन्हें शारीरिक पीड़ा होती है, बल्कि वे मानसिक रूप से भी आहत महसूस करते हैं।

5. कुछ माता-पिता ऐसे होते हैं, जो बात-बात पर बच्चों को उनकी गलती का अहसास कराने लगते हैं। धीरे-धीरे बच्चा भी यही सोचने लगता है कि वह बहुत बुरा इंसान है।

6. बच्चों के साथ मारपीट करने पर उनके आत्मविश्वास को गहरी चोट लगती है, जिससे उनका आत्मविश्वास कमजोर पडऩे लगता है।

7. बच्चों को जितना मारेंगे, वे उतनी ही ज्यादा गलतियां करेंगे और उनके मन में अपने और पैरेंट्स के प्रति हीनभावना पनपने लगती है।

8. बच्चों के साथ मारपीट करने वाले माता-पिता यह भूल जाते हैं कि उनके ऐसे व्यवहार से धीरे-धीरे बच्चा उनसे दूर होता चला जाएगा।

9. बार-बार मार खाने के बाद बच्चा भी ढीठ बन जाता है और किशोरावस्था आने तक वह पूरी तरह से विद्रोही हो जाता है। वह माँ-बाप की हर बात व समझाइश का विरोध शुरू कर देता है।

10. बच्चों को पता रहता है कि वह चाहे जो कुछ भी गलत करें, उसकी पिटाई तो होनी ही है। फिर वह हर काम अपने मन का ही करता है।

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