Breaking Kolkata Metro : 520 मीटर हुगली के लंबे सुरंग को 45 सेकेंड में पार करेगी कोलकाता मेट्रो

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Kolkata Metro : पैंतालिस सेकेंड में हुगली के नीचे से निकल जाएगी कोलकाता मेट्रो

Kolkata Metro : कोलकाता !  बहती नदी के नीचे देश की पहली सुरंग कोलकाता मेट्रो रेल निगम (केएमआरसी) लिमिटेड ने तैयार कर दी है जिसमें मेट्रो रेल हुगली के जल प्रवाह के 520 मीटर लंबे भाग को 45 सेकेंड में पार करेगी।


Kolkata Metro : जमीन से 33 मीटर और नदी की तलहटी के 16 मीटर नीचे इस सुरंग को जर्मनी से आयातित विशेष मशीन अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मशीन (ईपीबीएम) से तैयार किया गया है।


Kolkata Metro : हावड़ा मैदान से सेक्टर 5 के बीच 16.55 किलोमीटर लंबी पूर्व-पश्चिम मेट्रो परियोजना में 9.25 किलोमीटर का हिस्सा सियालदह से सेक्टर 5 तक बन कर तैयार हो गया है। सियालदह से हावड़ा मैदान का हिस्सा अगले साल दिसंबर तक परिचालित करने का लक्ष्य है। इसके मार्ग में 12 स्टेशन होंगे, जिसमें छह भूमिगत और छह एलिवेटेड होंगे।


पूर्व रेल के दो बड़े स्टेशनों – हावड़ा एवं सियालदह को जोड़ने वाली यह मेट्रो लाइन हुगली नदी के नीचे से निकलती है। हुगली के जल प्रवाह के 33 मीटर नीचे 520 मीटर लंबे भाग को बनाना बहुत ही जोखिम और सावधानी वाला कार्य था।


Kolkata Metro : परियोजना के महाप्रबंधक (सिविल) शैलेश कुमार ने ये जानकारी साझा करते हुए कहा कि नदी के नीचे ट्रेन को चलने को लेकर किसी तरह की असुरक्षा की कोई संभावना नहीं है। ये तकनीकी तौर पर पूरी तरह से सुरक्षित है।


Kolkata Metro : परियोजना के विवरण बताते हुए श्री कुमार ने कहा कि सामान्यतः सुरंग बनाने में 120 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत आयी है लेकिन नदी के नीचे निर्माण में 157 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत आयी है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 10442 करोड़ रुपए है। अभी तक इस पर 4875 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।


उन्होंने बताया कि आने एवं जाने वाली दोनों लाइनों के लिए दो पृथक सुरंगे बनायी गई हैं। जिनका व्यास करीब 5.55 मीटर है। नदी के नीचे मेट्रो ट्रेन की गति 80 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी और 45 सेकेंड में नदी के नीचे वाला क्षेत्र पार कर लेगी।


Kolkata Metro : कुमार ने कहा कि इस मेट्रो रेल परियोजना में एक खास बात यह है कि इसमें मेट्रो ट्रेन ऊपर ओएचई तार से बिजली लेने की बजाय थर्ड रेल से डीसी बिजली लेगी। उन्होंने कहा कि इससे 720/50 डीसी करंट बिजली की खपत एसी करंट की तुलना में काफी कम होगी। यानी परिचालन लागत पर सीधा असर पड़ेगा।


उन्होंने कहा कि इस मेट्रो रेल में प्लेटफॉर्म इस तरह से बनाए गए हैं कि गाड़ी में दोनों तरफ के गेट खुलेंगे। इससे यात्रियों को चढ़ने उतरने में आपाधापी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

प्लेटफॉर्म पर लाइन की तरफ कांच की दीवार और स्वचालित द्वार बनाये गये हैं जो गाड़ी के आने पर खुलेंगे। यह दिल्ली हवाई अड्डे की एक्सप्रेस लाइन मेट्रो रेल के समान ही है।

Kolkata Metro : उन्होंने बताया कि इस मेट्रो रेल के चलने पर हावड़ा और सियालदाह के बीच की दूरी 40 मिनट में तय होगी। अभी सड़क मार्ग से यह दूरी तय करने में डेढ़ घंटा लगता है। यह परियोजना पूरी होने के बाद करीब 30 लाख लोगों का आना-जाना हो सकेगा।

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