फेरे से ठीक पहले दुल्हन पक्ष ने शादी से किया इनकार, 9 लाख देकर बारात को लौटना पड़ा वापस, जानिए क्या है वजह…

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक शादी समारोह उस समय विवाद में बदल गया, जब वरमाला और भोजन के बाद फेरे से ठीक पहले दुल्हन ने मंडप में आने से इनकार कर दिया। आरोप है कि दुल्हन पक्ष ने दूल्हे को पैरों से दिव्यांग बताकर शादी तोड़ दी और कथित तौर पर 10 लाख रुपये की मांग की। दूल्हा पक्ष का कहना है कि दबाव में आकर 9 लाख रुपये देने के बावजूद बारात को बिना दुल्हन लौटना पड़ा। मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई गई है, पुलिस जांच कर रही है।

वरमाला हुई, फेरे से पहले रुकी शादी
जनकगंज थाना पुलिस को दी गई शिकायत में दूल्हे प्रशांत कुशवाह और उनके पिता लोटन कुशवाह (निवासी नादरिया, माता गुढ़ा) ने बताया कि 11 दिसंबर को बेलदार का पूरा निवासी धर्मजीत कोठारी कुशवाह की बेटी रितु से शादी तय थी। तय कार्यक्रम के अनुसार बारात पहुंची, स्टेज पर वरमाला हुई, फोटो सेशन और भोजन भी संपन्न हुआ। लेकिन फेरे शुरू होने से पहले दुल्हन मंडप में नहीं आई।

दुल्हन पक्ष ने मंडप में लाने से किया मना
दूल्हा पक्ष के अनुसार पूछताछ करने पर दुल्हन के परिजनों ने दूल्हे को पैरों से दिव्यांग बताते हुए शादी से इनकार कर दिया। दूल्हे के पिता का कहना है कि उनका बेटा दिव्यांग नहीं है और डेढ़ साल पहले रिश्ता तय होने से लेकर अब तक ऐसा कोई मुद्दा कभी नहीं उठाया गया। इसके बावजूद दुल्हन पक्ष अपनी बात पर अड़ा रहा।

रकम मांगने और दबाव बनाने का आरोप
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि दुल्हन पक्ष ने 10 लाख रुपये की मांग की, बारातियों को घेर लिया और शादी के फोटोग्राफर को कथित तौर पर बंधक बनाकर फोटो-वीडियो डिलीट कराने की धमकी दी। दूल्हा पक्ष का दावा है कि उन्होंने गहने-कपड़े पहले ही दे दिए थे, फिर भी दबाव में 9 लाख रुपये जुटाकर सौंपे गए और लेनदेन का पंचनामा भी बनाया गया।

खाली हाथ लौटी बारात, पुलिस जांच में जुटी
रकम देने के बाद भी दुल्हन पक्ष ने शादी से मुकरते हुए बारात को वापस भेज दिया। अपमान और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए दूल्हे के पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है और तथ्यों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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