jharkhand crime news : 30 हजार रिश्वत लेने के मामले में बीडीओ को चार साल की सजा

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jharkhand crime news :   30 हजार रिश्वत लेने के मामले में बीडीओ को चार साल की सजा

 

jharkhand crime news :  दुमका !   झारखंड में दुमका जिले की अदालत ने 30 हजार रूपये रिश्वत लेने के मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को चार साल की सजा सुनायी है।


द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह निगरानी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत ने जांच प्रतिवेदन देने के एवज में 30 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने से संबंधित 14 साल पुराने एक मामले में जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड के पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी -सह- अंचल अधिकारी शिवजी भगत को चार साल के सश्रम कारावास और एक लाख बीस हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी गयी है।

jharkhand crime news :  दोषी आरोपी वर्तमान में दुमका जिले के रानीश्वर प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित था, जिसे न्यायालय ने पिछले 22 जुलाई को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। अदालत में आज स्पेशल केश नम्बर 10/2010(निगरानी थाना कांड संख्या 10/2010) में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई। इस मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजक चंपा कुमारी और बचाव पक्ष की ओर से बहस सुनने के बाद न्यायालय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेल में बंद आरोपी जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी शिवजी भगत ( वर्तमान में दुमका जिले के रानेश्वर में प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित ) को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत चार साल के सश्रम कारावास और साठ हजार रुपए जुर्माना अदा करने तथा इसी एक्ट की धारा 13 (2)के तहत चार साल सश्रम कारावास और 60 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी। दोनों धाराओं में जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर 9-9 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ चलेगी।


न्यायालय में मामले के विचारण के दौरान सरकार की ओर से अभियोजन सहयोगी पुलिस अवर निरीक्षक शम्भू प्रसाद सिंह की पहल पर दस गवाह पेश किये गये। लोक अभियोजक से मिली जानकारी के अनुसार जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड क्षेत्र के रहने वाले तारक नाथ मंडल की शिकायत पर निगरानी थाना में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक अप्रैल 2010 को नाला में पदस्थापित पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी -सह- अंचल अधिकारी शिवजी भगत के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। जिसमें नाला के तत्कालीन अधिकारी शिवाजी भगत पर सूचक से रिश्वत के रूप में तीस हजार रुपए की मांग कर परेशान करने का आरोप लगाया गया था।


jharkhand crime news :  सूचक की शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जाल बिछा कर जमीन विवाद को लेकर उसके पक्ष में जांच प्रतिवेदन देने के एवज में रिश्वत के तौर पर तीस हजार रुपए लेते हुए शिवजी भगत को रंगे हाथ पकड़ लिया था। सूचक तारक नाथ मंडल ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो
(एसीबी) को दिये आवेदन में पड़ोसी द्वारा अनावश्यक विवाद कर उसके पुश्तैनी जमीन पर घर बनाने में अड़ंगा डालने और उस समय नाला में पदस्थापित अंचल अधिकारी द्वारा उसके खिलाफ जांच प्रतिवेदन देने का भी आरोप लगाया गया था।

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सूचक ने इसकी शिकायत जामताड़ा के अनुमंडल दंडाधिकारी के पास की। अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा सूचक की शिकायत पर उक्त पुश्तैनी जमीन से संबंधित मामले में तत्कालीन प्रखंड विकास सह अंचल अधिकारी शिवजी भगत को पुनः जांच प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया गया था, लेकिन उक्त दोषसिद्ध अधिकारी इसके एवज में तीस हजार रुपए रिश्वत की मांग कर सूचक को परेशान कर रहा था। इससे आजीज होकर सूचक ने एसीबी के पास शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एससीबी की टीम ने शिवजी भगत को सूचक से तीस हजार रुपया रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।