जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा देंगे इस्तीफा…गठबंधन में फूट को रोकने कदम

इशिबा पर अपनी ही पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के भीतर से लगातार पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा था। दरअसल, जुलाई में हुए उच्च सदन के चुनाव में एलडीपी और उसके गठबंधन सहयोगी कोमेइतो बहुमत से तीन सीट दूर रह गए। 248 सीटों वाले उच्च सदन में बहुमत न मिलने के कारण गठबंधन अब संसद के दोनों सदनों में अल्पमत में आ गया है।

कब बनी थी इशिबा सरकार?

इशिबा ने पिछले साल अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री पद संभाला था। तब से उनकी सरकार को निचले सदन में बहुमत खोने के बाद विपक्ष पर निर्भर रहना पड़ा।

चुनावी हार के बाद भी क्यों बने रहे पद पर?

इशिबा ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौता पूरा करने और अमेरिकी टैरिफ जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए पद पर बने रहना चाहा। लेकिन, पार्टी के भीतर बढ़ते विरोध और समय से पहले नेतृत्व चुनाव कराने के फैसले ने उन्हें इस्तीफे के लिए मजबूर कर दिया।

क्या रही मुख्य वजह?

  • चुनावी हार: जुलाई 20 को हुए मतदान में हार
  • विपक्ष पर निर्भरता: विधेयक पारित कराने में कठिनाई
  • जन असंतोष: बढ़ती महंगाई और घटती मजदूरी पर नाकामी
  • पार्टी के भीतर अविश्वास: दक्षिणपंथी गुट का विरोध

आगे क्या होगा?

इशिबा का इस्तीफा उनके खिलाफ एक तरह का अविश्वास प्रस्ताव माना जा रहा है। अब लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी समय से पहले नया नेतृत्व चुन सकती है।


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