:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- किसी भी समाज की संस्कृति , परंपराओं व आदर्शों को बचाने के लिए समाज के सभी सदस्यों को सक्रिय भूमिका होती है । समाज की प्रगति व उन्नति के लिए बुजुर्गों का अनुभव व युवाओं की सक्रियता बेहद आवश्यक व बुनियादी आधार है । इसे अक्षुण बनाये रखने के लिए उसकी शुरुवात छोटे व नन्हे बच्चो से होती है । खावटभै की छोटे बच्चे मिट्टी के बर्तन बनाने वाले मिट्टी की तरह होते हैं जिन्हें शुरुवात में जैसा बनाना हो बना लो ।

कुछ बच्चे जन्म से ही संस्कारिक होते हैं जिनकी पहचान उनके बचपन से हो जाती है । व कुछ बच्चे घर व परिवार में दिख रहे वातावरण के अनुरूप ढल जाते हैं । जिस घर का माहौल धार्मिक वातावरण से पूर्ण होता है उसी के अनुरूप बच्चे भी धार्मिक भावनाओं से जुड़ जाते हैं । इसी तरह नगर के 2 मासूम बच्चे इतनी कम उम्र में सनातन दीप को प्रज्ज्वलित व अक्षुण बनाये जाने के लिए प्रयासरत है। टावर पारा से 2 वर्षीय बालक वेद पाणिग्राही व संजय नगर के 5 वर्षीय बालक शाश्वत सिंह जिन्होंने अन्य बच्चो को भी सनातन धर्म के प्रति लगाव व झुकाव के लिए प्रेरित किया है ।

टॉवरपारा के वेद पाणिग्राही पिता चंदन पाणिग्राही की उम्र 2 वर्ष है । वह इतनी कम उम्र में घर के धार्मिक वातावरण व अपने दादा देवेंद्र पाणिग्राही के साथ ही इस उम्र में पूरी तरह सनातन धर्म को आत्मसात कर लिए है । वह अभी चारो सोमवार को 3 किलोमीटर पैदल कांवड़ में जल लेकर शिवमन्दिर में जलाभिषेक किया था ।

इसी तरह संजय नगर में निवासरत रुबि ठाकुर का 5 वर्षीय पुत्र शाश्वत सिंह ठाकुर भी अपनी छोटी उम्र में आम हिन्दुओ व सनातनियो को अपने धर्म के प्रति आकर्षित करवा रहा है । नगर के के. जी.कान्वेंट 2 में अध्ययनरत शाश्वत को हमेशा हिन्दुओ के आराध्य देवताओं जैसे भगवान शंकर , श्रीराम , श्रीकृष्ण , श्री हनुमान के साथ ही राधा , सीता के साथ ही सभी देवी देवताओं बनने का शौक है । बालक शाश्वत को इस छोटी से उम्र में भजन गाने व सुनने का बहुत शौक है । वह स्वयं सुबह उठकर स्नान करने के बाद पूजा पाठ में सक्रिय भाग लेता है ।

इस तरह नगर के 2 मासूम बालको द्वारा सनातन धर्म व धार्मिक भावनाओं से जुडने को देखकर नगरवासियो में काफी खुशी दिखाई दे रही है तो वही दोनों बालको को आशीर्वाद भी दे रहे हैं । निश्चित ही यह सनातन धर्म के लिए गौरव की बात है