इंदौर। मध्य प्रदेश राज्य साइबर सेल ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के एक गंभीर मामले में बड़ी कार्रवाई की है। पश्चिम बंगाल के दो युवकों को गिरफ्तार कर इंदौर लाया गया है, जो देवास जिले के खातेगांव में एक प्रतिष्ठित एनजीओ में “हाउस ब्रदर” के रूप में कार्यरत थे। गिरफ्तार आरोपियों के नाम लक्ष्मीकांत बागड़ी और प्रदीप बागड़ी हैं। दोनों ने नाबालिग बच्चों से जुड़े 15 से अधिक आपत्तिजनक वीडियो व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर डाउनलोड कर सोशल मीडिया पर वायरल किए थे। दोनों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
यह मामला तब सामने आया जब भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल से इंदौर साइबर सेल को शिकायत प्राप्त हुई। शिकायत में एक मोबाइल नंबर के माध्यम से नाबालिग बच्चों के अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की जानकारी दी गई थी। जांच के दौरान मोबाइल की लोकेशन खातेगांव, जिला देवास में पाई गई।
आरोपियों की पहचान पश्चिम बंगाल निवासी लक्ष्मीकांत बागड़ी और प्रदीप बागड़ी के रूप में हुई। दोनों देवास के एक प्रमुख एनजीओ में काम करते थे, जो गरीब और आदिवासी बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और आवास उपलब्ध कराता है। पूछताछ में लक्ष्मीकांत ने स्वीकार किया कि उसने व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप से वीडियो डाउनलोड कर शेयर किए। प्रदीप ने भी वीडियो देखने और उन्हें इंटरनेट हॉटस्पॉट के माध्यम से वायरल करने की बात मानी।
साइबर सेल ने दोनों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर इंदौर लाया। मामला आईटी एक्ट 2000 की धारा 67-बी के तहत दर्ज किया गया है, जिसके तहत चाइल्ड पोर्नोग्राफी का उत्पादन, वितरण या प्रसारण गंभीर अपराध माना जाता है। इस अपराध के लिए पांच वर्ष तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस ने दोनों के मोबाइल फोन जब्त कर फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है।