नई दिल्ली। इंडोनेशिया में वेतन और भत्तों के विरोध में भड़के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। गुस्साई भीड़ ने पश्चिम नुसा तेंगारा, पेकलोंगन और सिरेबोन प्रांत की विधानसभा के भवनों में आग लगा दी। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए।
पुलिस मुख्यालय पर हमला
प्रदर्शनकारियों ने सुरबाया स्थित पुलिस मुख्यालय पर भी धावा बोला। हालात नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं। जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पटाखे और डंडों का इस्तेमाल किया।
विवाद की वजह
यह विरोध जकार्ता में सोमवार को शुरू हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सांसदों को नियमित वेतन के अलावा पांच करोड़ रुपिया (लगभग 3,075 डॉलर) का मासिक आवास भत्ता दिया जा रहा है। यह राशि पिछले वर्ष लागू की गई थी और जकार्ता के न्यूनतम वेतन का करीब दस गुना है।
आलोचना और आक्रोश
आलोचकों का कहना है कि यह भत्ता न केवल अत्यधिक है, बल्कि ऐसे समय में दिया जा रहा है जब आम जनता बढ़ती महंगाई, करों और बेरोजगारी से जूझ रही है। इससे लोगों में गुस्सा बढ़ा और विरोध तेज हो गया।
हिंसा की वजह
स्थिति तब और बिगड़ गई जब एक पुलिस वाहन से टकराकर फूड डिलीवरी करने वाले बाइक सवार की मौत हो गई। इस घटना के बाद विरोध प्रदर्शन व्यापक और हिंसक हो गया तथा कई शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं।