Indian Constitution भारतीय संविधान में दिया गया एक मौलिक अधिकार

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Indian Constitution देश का संविधान , विश्व का श्रेष्ठ संविधान है : मेश्राम
कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी डॉ. अम्बेडकर संविधान सभा में पहुंचे

Indian Constitution राजनांदगांव । अनुसूचित जाति मोर्चा के भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व बस्तर संभाग प्रभारी पवन मेश्राम ने कहा कि देश के संविधान में डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर की आत्मा समाहित है। अगर डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर न होते तो दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत का संविधान सबसे अच्छा संविधान है।

भारतीय संविधान में उल्लेखित मौलिक अधिकारों में समता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरोध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षणिक का अधिकार, संवैधानिक उपचार का अधिकार, भारतीय संविधान देश के सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देता है। हमारा संविधान कहता है कि धर्म, नस्ल, जाति, लिंग और जन्म स्थान के आधार पर देश के किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता।

Indian Constitution इसके बावजूद कांग्रेस डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर के साथ शुरू से ही भेदभाव करती रही है। जबकि समानता का अधिकार भारतीय संविधान में दिया गया एक मौलिक अधिकार है।

मेश्राम ने आगे कहा कि भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे। संविधान सभा की पहली बैठक दिसंबर 1946 को हुई थी और इसके तत्काल बाद देश दो भागों में बंट गया। डॉ. अम्बेडकर संविधान सभा में ना पहुंच पाए, इसलिए डॉ. बाबा साहब को चुनाव हराया गया।

गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू ये कभी नहीं चाहते थे कि डॉ. अम्बेडकर किसी भी हालात में चुनाव जीतकर संविधान सभा में पहुंचे, लेकिन बंगाल की जोगेन्द्रनाथ मंडल द्वारा खाली की गई जैसूर-खुलना सीट से डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर ने चुनाव लड़ा और वो चुनाव जीतकर संविधान सभा के सदस्य बने। डॉ. अम्बेडकर के चुनाव जीतते ही गांधी-नेहरू ने जैसूर-खुलना को पाकिस्तान को सौंप दिया और डॉ. अम्बेडकर पाकिस्तान संविधान सभा के सदस्य बन गए।

Indian Constitution जब इस बात का डॉ. अम्बेडकर ने पूरजोर विरोध किया तो उस वक्त के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने हस्तक्षेप कर गांधी-नेहरू को कहा कि डॉ. अम्बेडकर के खिलाफ खुला साजिश है। ऐसा नहीं होना चाहिए। या तो जैसूर-खुलना जिस सीट से बाबा साहब चुनाव जीतकर आए थे उसको हिन्दुस्तान में रखा जाए या कोई ऐसी सीट जहां से बाबा साहब को निर्विरोध चुनाव जीताकर संविधान सभा का सदस्य बनाया जाए, तब डॉ. अम्बेडकर बम्बई -पुणा राज्य एमएस जयकर द्वारा सामान्य सीट खाली की गई !

उस सीट से फिर बाबा साहब निर्विरोध चुनाव जीतकर संविधान सभा पहुंचे। भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा। संविधान सभा में 26 नवंबर 1949 को अपना काम पूरा किया और 26 जनवरी 1950 को यह लागू हुआ। इसी दिन की याद में हम हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
श्री मेश्राम ने कहा कि भारतीय संविधान ड्रॉफ्टिंग कमेटी के बाबा साहब अध्यक्ष थे। इस कमेटी में 7 लोग थे।

Indian Constitution टी.टी.कृष्णामाचारि 1948 में संविधान सभा के सामने कहा था कि जिन 7 लोगों को नामांकित किया गया है, उसमें से एक ने इस्तीफा दे दिया। एक सदस्य की मृत्यु हो चुकी है। एक सदस्य अमरीका में है। एक सरकारी मामलों में उलझा हुआ है। दो व्यक्ति दिल्ली से बहुत दूर है और बीमारी से ग्रसित हैं। कुल मिलाकर इस देश को और संविधानसभा के लोगों को बाबा साहब अम्बेडकर का आभारी होना चाहिए, चूंकि देश को डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर से अच्छा संविधान बनाकर देने की क्षमता इस देश के किसी भी एक व्यक्ति में नहीं है।

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