Bhanupratappur कैम्पा नरवा विकास योजना, पूर्व वन मंडल भानुप्रतापपुर का मामला
Bhanupratappur भानुप्रतापपुर। करोड़ो की शासकीय राशि का दुरुपयोग, भ्रष्टाचार करने में वन मंडल हमेशा सुर्खियों में रहा है। ऐसा ही एक मामला पूर्व वन मंडल भानुप्रतापपुर में बड़ी चर्चाओं में है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार
16 मार्च 2024 से पदभार लेते हुए नए वनमंडालाधिकारी दुलेश्ववर साहू आईएफएस 2013 ने पद भार संभालते ही वह सुर्खियों में आ गए डीएफओ साहब ने मार्च में विभागीय एवम कैम्पा योजना मद के तहत कार्यों के निरीक्षण के लिए अंतागढ़, आमाबेड़ा एवम दुर्गुकोदल परिक्षेत्र पहुंचे जहां पर भुगतान के बाद कार्य नही होना पाया तो कार्यवाही की धौंस दिखाकर तीनो परिक्षेत्र से करोड़ो की राशि उगाही कर ली गई।
Bhanupratappur मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव के चलते आचार सहिता के पूर्व इस बार वन विभाग में अधिकारियों का तबादला 15 मार्च के पूर्व ही हो गया था। जिसके चलते मार्च माह के करोड़ो की बजट को समाप्त करने के लिए अधिकारियो के द्वारा बिना कार्य के ही धकाधक चेक काट कर अपना कमीशन लेकर चलते बने। पूर्व वन मंडल भानुप्रतापपुर में भी नजारा कुछ ऐसा ही था।
वही मानपुर वन मंडल से डीएफओ दुलेश्वर प्रसाद साहू ने 15 मार्च के बाद पूर्व वन मंडल का पदभार लेते ही चारो परिक्षेत्रो का 01 मार्च 2024 से 15 मार्च 2024 तक काटे गए चेक एवम भुगतान को लेकर वन परिक्षेत्रों में कराए गए कार्यों कि जांच के लिए पहुंचे जहां पर भुगतान से विपरीत कार्य पाया गया तो। डीएफओ साहब ने तीनो रेंजरों को कार्यवाही के लिए कहते हुए हर परिक्षेत्र से भुगतान के लिए कांटे गए चेक का अस्सी प्रतिशत राशि उनके द्वारा ले ली गई। अब किस प्रकार से रेंजरों के द्वारा वह कार्य को पूर्ण करेंगे यह भगवान भरोसे है।
विभागीय सूत्रों की माने तो कैम्पा मद नरवा विकास योजना व विभागीय मद द्वारा दर्शाए गए कार्यों से आमाबेड़ा परिक्षेत्र से 80 लाख रुपए, अंतागढ़ परिक्षेत्र से 2 करोड़ रुपए एवम दुर्गुकोंदल परिक्षेत्र से 1 करोड़ रुपए ली गई। वही अंतागढ़ परिक्षेत्र से राशि अधिक होने के कारण तीन किश्तों में राशि ली गई। सभी राशि संग्रहित करने के लिए डीएफओ साहब ने आचार साहिता के दौरान अपने शासकीय वाहन का उपयोग किया गया।
Bhanupratappur वन, वन्यप्राणियो सहित परिक्षेत्र के विकास व लोगो को रोजगार उपलब्ध किए जाने के उद्देश्य से ही शासन द्वारा राशि प्रदान की जाती है, लेकिन जवाबदार अधिकारी कार्य धरातल पर न कराते हुए केवल फाईलो में खानापूर्ति करते हुए शासकीय राशि का बंदरबाट करने में लगे रहते है। भ्रष्टाचार की बात लिक होने पर डीएफओ व परिक्षेत्र अधिकारियों के बीच की स्थिति ठीक नहीं चल रही है।
इस संबध में परिक्षेत्र अधिकारियो ने गोलमोल जवाब देते बचते नजर आए। वही डीएफओ दुलेश्वर प्रसाद साहू ने कहा कि आरोप मिथ्या है।