Breaking : Honor to Mowgli of Bastar अब मिलेगा बस्तर के मोगली को सम्मान

Honor to Mowgli of

Honor to Mowgli of Bastar चेंदरू अभिनीत हॉलीवुड फिल्म को मिल चुका है ऑस्कर अवार्ड 

Honor to Mowgli of Bastar जगदलपुर| बालपन में ही वह शेर, चीते जैसे खूंखार वन्य प्राणियों के साथ खेला करता था। वन्य प्राणियों के प्रति उस बालक के मन में अथाह प्रेम और सम्मान था। वन्य प्राणी भी उस बालक के छल रहित प्यार के आगे नत मस्तक हो जाया करते थे. चेंदरू के सम्मान में वन्य प्राणी इस कदर झुक जाते थे कि अपनी वंशानुगत हिंसात्मकता को भी वे भूल जाते थे, ऐसा गुणी और बहादुर था बस्तर के नारायणपुर का हमारा अपना यह वन पुत्र. उसके इसी गुण और निर्भीकता ने हॉलीवुड को उस पर फिल्म बनाने के लिए मजबूर कर दिया।

Honor to Mowgli of Bastar बाल्यावस्था में शेर – चीतों के साथ खेलने वाले चेंदरू की सुध ली सरकार ने

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Honor to Mowgli of Bastar बस्तर के इस वीर बालक को हिंसक वन्य प्राणियों और हॉलीवुड ने तो पूरा सम्मान दिया, लेकिन अपने ही प्रदेश और देश ने उसे बिसरा दिया। ऐसी ही गुमनामी और बदहाली के बीच उसने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। मृत्यु के सालों बाद भी किसी ने उसकी कद्र करने और उसके परिवार की बदहाली दूर करने की दिशा में जरा भी ध्यान नहीं दिया था ।

Honor to Mowgli of Bastar प्राधिकरण की बैठक में अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने की घोषणा

Honor to Mowgli of Bastar जी हां हम बस्तर के मोगली के नाम से विख्यात हुए वीर आदिवासी बालक चेंदरू की ही बात कर रहे हैं, ये दुख भरी दास्तां है बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में स्थित ग्राम गढ़ बेंगाल में जन्मे चेंदरू मंडावी की। चेंदरू की वीरता से अब कोई भी अपरिचित नहीं है।

Honor to Mowgli of Bastar बस्तर संभाग के साथ ही छत्तीसगढ़ और भारत देश का भी मान बढ़ा गए चेंदरू मंडावी को जीते जी तो शासन की ओर से सम्मान नहीं मिला, उसका बुढ़ापा भी बड़ी लाचारी में गुजरा और पीछे रह गया उसका परिवार आज भी बदहाली में जीवन यापन करने विवश है।

हाल ही में इस संवाददाता ने चेंदरू की पुण्यतिथि पर उसके साथ हुई नाइंसाफी और उसके परिवार की दयनीय दशा पर आधारित खबर का खुलासा किया था।

बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण से 10 लाख की मंजूरी

इसका सकारात्मक असर भी हुआ। खबर छपने के बाद बस्तर विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने स्व. चेंदरू मंडावी की गौरव गाथा को बहाल करने की दिशा में सबसे पहले कदम बढ़ाया।

कलेक्टरेट दफ़्तर के सभाकक्ष में आयोजित बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा विधायक श्री बघेल ने गढ़ बेंगाल में चेंदरू मंडावी की आदमकद प्रतिमा स्थापित कराने के लिए 10 लाख रु. की मंजूरी प्रदान करने की घोषणा की।

 समाज- गौरव हैं चेंदरू: बघेल

बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा बस्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा है कि चेंदरू हमारे आदिवासी समाज ही नहीं, बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ के गौरव रहे हैं। उनकी प्रतिमा की स्थापना कराना हमारा एक छोटा सा प्रयास मात्र है.

 गृहग्राम गढ़बेंगाल में स्थापित होगी चेंदरू मंडावी की आदमकद प्रतिमा 

कोशिश होगी कि चेंदरू के परिवार की भलाई के लिए शासन स्तर पर पहल हो। श्री बघेल ने कहा कि वे स्वयं छत्तीसगढ़ के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर इस बाबत चर्चा करेंगे. उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जरूर हमारे आदिवासी समाज के गौरव स्व. चेंदरू मंडावी के परिवार के हित में जल्द से जल्द सकारात्मक पहल करेंगे।

दोस्त था शेर शावक टेम्बू

Honor to Mowgli of Bastar  विधायक लखेश्वर बघेल ने बताया कि चेन्दरू जब छोटा बच्चा था तब उसे खेलने के लिए उसके पिता एवं दादा ने उपहार में शेर का एक शावक दिया था।चेंदरू के परिजनों ने शेर शावक को टेम्बू नाम दे रखा था। कुछ ही दिनों में टेम्बू और चेंदरू के बीच गहरी दोस्ती हो गई। दोनों का पूरा दिन साथ खेलने कूदने में बीतता। दोनों साथ ही सोते भी थे.

Role of governors विपक्षी राज्यों में राज्यपालों की भूमिका

चेंदरू और टेम्बू की अनूठी दोस्ती की कहानी बस्तर में विस्तारित होने के बाद यहां से निकलकर राज्य और देश तक ही नहीं बल्कि सात समंदर पार भी जा पहुंची। फिर क्या था। हॉलीवुड के एक बड़े फिल्म निर्माता ने बस्तर पहुंचकर चेंदरू को ’द टाईगर ब्वाॅय करार दिया। इसी के साथ चेंदरू भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया।

 

चेंदरू तो खुद विश्व विख्यात हुआ ही अपितु उन्होंने अबूझमाड़ बस्तर को भी विश्व पटल पर प्रसिद्धि दिलाई। चेंदरू के जीवन पर बनी फिल्म ’’द जंगल सागा’’ को ऑस्कर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था।

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