बिलासपुर। बच्चे की कस्टडी को लेकर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए अलग रह रहे दंपती के 15 वर्षीय पुत्र के लिए नई समय-सारिणी निर्धारित की है। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस ए. के. प्रसाद की डिवीजन बेंच ने किशोर की जिंदगी में संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से यह व्यवस्था लागू की है। कोर्ट के अनुसार, सोमवार से शनिवार सुबह तक बच्चा अपनी मां के साथ रहेगा, जबकि शनिवार को स्कूल से छुट्टी के बाद पिता उसे ले जाएंगे और सोमवार सुबह तक बच्चा उनके साथ रहेगा। इसके अलावा त्यौहारों के अवसर पर और लंबी छुट्टियों में 5 से 10 दिन पिता के साथ समय बिताने का आदेश भी दिया गया है।
मामला रायपुर निवासी दंपती से जुड़ा है, जिनकी शादी वर्ष 2009 में हुई थी और 2010 में उनका बेटा हुआ। कुछ वर्ष बाद विवाद के चलते दोनों अलग हो गए और किशोर अपनी मां के साथ रहने लगा। वर्ष 2018 में पिता ने बच्चे की कस्टडी के लिए परिवार न्यायालय में आवेदन दिया था, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने बच्चे की इच्छा और दोनों पक्षों की सहमति को ध्यान में रखते हुए यह नई व्यवस्था तय की है।