Heartfulness
साधना के मूल तत्व पर हुई परिचर्चा
हार्टफुलनेस के ग्लोबल गाइड और श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश डी. पटेल ‘दाजी’ इन दिनों राजधानी रायपुर में हैं. अपने गुरु दाजी को अपने बीच पाकर अभ्यासियों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हो रहा है.
हार्टफुलनेस संस्था छत्तीसगढ़ का ध्यान केंद्र योगाश्रम अमलेश्वर में है. जहां हार्टफुलनेस के वैश्विक गुरु कमलेश डी. पटेल कान्हा शांतिवनम हैदराबाद से पहुंचे हैं. दाजी यहां 20 अप्रैल को पहुंचे.
दाजी के सानिध्य में सभी अभ्यासी सुबह 7.30 बजे और शाम को 6 बजे ध्यान का आनंद ले रहे हैं. वहीं ध्यान के इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हार्टफुलनेस की ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर भी प्रतिदिन हो रहा है.
वहीं ध्यान सत्र के बाद अभ्यासियों की दशा को और भी गहन बनाने के लिए कई आध्यात्मिक गतिविधियों को सरल तरीके से परिचर्चा के माध्यम से समझाया जा रहा है.
22 अप्रैल को सुबह के ध्यान के बाद सुबह 10 बजे से ‘साधना के मूल तत्व’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. जिसमें बताया गया कि अपने अभ्यास को और अधिक गहन बनाने के लिए गुरु की सहायता तभी मिलेगी जब हम हृदय से करुण पुकार लगाएंगे. सूक्ष्म चीजों के लिए हमें सूक्ष्म प्रयास करना होता है.
परिचर्चा के दौरान बताया गया कि प्रत्येक दिन का ध्यान एक ईंट की दीवार की भांति होती है. जिस दिन हम ध्यान नहीं कर पाए उस दिन एक ईंट कम हो जाती है. इसी तरह जैसे एक कैनवास की पेंटिंग है. जब हम ध्यान नही कर पाते तो उससे उस दिन का एक रंग उससे दूर हो जाता है. इसलिए सभी रंगों को बनाये रखने के लिए हमें प्रत्येक दिन ध्यान करना चाहिए.
साधना के मूल तत्व पर परिचर्चा करते हुए हार्टफुलनेस के प्रशिक्षकों ने बताया कि हमारी आध्यात्मिक सफलता में अभ्यास का योगदान केवल 5 प्रतिशत है.
वहीं हमारी मनोदशा का योगदान 95 प्रतिशत होता है. ध्यान के दौरान की हमारी मनोदशा भी हमसे बात करती है. परिचर्चा के दौरान प्रहसन और प्रश्नोत्तरी के माध्यम से भी साधना के मूल तत्व पर चर्चा की गई.