Hareli : “हरेली के रंग आजादी के अमृत महोत्सव के संग” भव्य कवि सम्मेलन संपन्न

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Hareli : कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच द्वारा “हरेली के रंग आजादी के अमृत महोत्सव के संग” भव्य कवि सम्मेलन संपन्न

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Hareli : “हरेली के रंग आजादी के अमृत महोत्सव के संग” भव्य कवि सम्मेलन संपन्न

Hareli : सक्ती। भारत विभिन्न परंपरा,संस्कृति और प्राकृतिक धरोहर को त्यौहारो के रूप मे संजोए हुए आज भी विशेषकर छत्तीसगढ़ मे हरेली त्यौहार को बड़े धूमधाम से जीवंत स्मृति के रूप मे जीवित् रखा है ‘ कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ के तत्वधान में आभासी पटल पर इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए पंद्रहवां कवि सम्मेलन 28 जुलाई 2022 को आयोजित किया गया !

Hareli : जिसमें देश के विभिन्न साहित्यकारों ने इस कार्यक्रम में शिरकत किए ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप् मे यू. एस. एस.राव. सचिव रेलवे भर्ती बोर्ड बिलासपुर उपस्थित रहे।

अति विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत के जाने-माने मोटिवेशनल पर्सन पीयूष गोयल जी जिन्होंने हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला को सुई के नोक से किताब लिखा, रविंद्र नाथ टैगोर जी की किताब गीतांजलि को मेहंदी की कोन से लिखा और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया ।

Hareli : विशिष्ट अतिथि बी वेणुगोपाल राव (समाज सेवी) साथ ही अन्य प्रसिद्ध कवि और लेखक एवं अतिथिगण कार्यक्रम मे मौजूद रहे । मंच संचालन प्रीती शुक्ला (नागपुर महाराष्ट्र) एवं रमाकांत श्रीवास (छ० ग०) द्वारा बेहतरीन अंदाज में किया गया ।

Hareli : कार्यक्रम का आरंभ मेनका श्रीवास झरना बाराद्वार के द्वारा मांँ सरस्वती की आराधना के साथ प्रारंभ हुआ। मुख्य अतिथि यू. एस. एस. राव ने अपने उद्बोधन मे इस साहित्यिक मंच की सराहना करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस को इसी दिन मनाये जाने की बात कही।

Hareli : साहित्यकार/कवि समाज का दर्पण होता है समाज को उत्कृष्टता से ऊंचा उठाने का प्रयास सदैव करता है। प्रख्यात लेखक कहे जाने वाले विशिष्ठ अतिथि पीयूष गोयल ने कर्म करो व फल की चिंता ना करो का विशेष ज्ञान अपने निजी जीवन की उपलब्धियों को दर्शाते हुए मन का भाव प्रकट करते हुए कहा “सोचना तो पड़ेगा”।

वहीं बी. वेणुगोपाल ने भी मंच की सराहना करते हुए कहा कवियों और कलम की ताकत क्या होती है? संक्षिप्त रूप में बताया। काव्य गोष्ठी में साहित्यकारों ने बहुत ही रोचक ढंग से अपनी रचनाओं से हरियाली त्यौहार और उसमे होने वाले क्रियाकलाओं को अपने छंद,कविता, दोहा आदि विधाओं के माध्यम से बताने का प्रयास किया ।

पंक्तियाँ कहते ही वाहवाही और दर्शकों की तालियां देखते ही बनती थी । कवि कवियत्रियों के रूप मे रामबरन कोरी (दुर्ग), संतोष श्रीवास, सूरज श्रीवास, लक्ष्मी करियारे,( कोरबा), ए. के.श्रीवास्तव ( रायपुर), सुधा देवांगन शुचि (रायगढ़), तुलेश्वर कुमार सेन (पैलीमेटा राजनांदगांव), बसंत कुमार श्रीवास वसंत (नारायणपुर), अब्दुल सलीम ,गीता नायक (बिलासपुर), ,व मंच के पदाधिकारी उषा श्रीवास (उपाध्यक्ष) , इंजी.रमाकांत श्रीवास (संस्थापक एवं संयोजक), हितेंद्र श्रीवास (महासचिव), रविशंकर श्रीवास (कोषाध्यक्ष), आदि उपस्थित रहे।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राधे राधे ने समस्त देशवासियों को आजादी के अमृत महोत्सव के साथ सावन के इस अद्भुत् रूप् ‘हरेली पर्व ” में आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी और साथ ही हरेली का वर्णन करते हुए अपनी काव्यांजलि प्रस्तुत कर सुखद् माहौल् मे सभा समापन की घोषणा की ।

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