Gurudarshan: बलौदाबाजार में 12 अक्टूबर को गुरुदर्शन मेले का होगा आयोजन

बलौदाबाजार में 12 अक्टूबर को गुरुदर्शन मेले का होगा आयोजन

सीएम साय होंगे शामिल, कलेक्टर-एसपी ने तैयारियों का लिया जायजा, बेहतर व्यवस्था करने दिए निर्देश

बलौदाबाजार। जिले में पलारी के तेलासी गांव में 12 अक्टूबर को गुरुदर्शन मेले का आयोजन किया जाएगा। जिसमें हजारों की संख्या में प्रदेशभर से श्रद्धालु पहुंचेंगे। सीएम विष्णुदेव साय भी शामिल होंगे। बुधवार को कलेक्टर दीपक सोनी और एसपी विजय अग्रवाल ने तैयारियों का जायजा लिया।
कलेक्टर-एसपी ने कई स्थलों को दौरा कर बारीकी से व्यवस्था से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने मंदिर परिसर, बाड़ा, जैतखाम, पार्किंग एरिया, सुरक्षा, लाइटिंग, हाईमास्क और पेयजल की व्यवस्था का निरीक्षण किया।

पुराने अनुभवों के आधार पर इससे और अच्छी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। इसके अलावा वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए हेलीपैड तैयार करने कहा गया है। सफाई की व्यवस्था को पहले से बेहतर करने के निर्देश सीएमओ पलारी और जनपद सीईओ को दिए हैं। इस अवसर पर मेले समिति से जुड़े सदस्य, स्थानीय जनप्रतिनिधि गण, जिला पंचायत सीईओ दिव्या अग्रवाल, एसडीएम सीमा ठाकुर और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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तेलासीपुरी का ऐतिहासिक महत्व
जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से करीब 40 किमी दूर भैसा से आरंग मार्ग पर ग्राम तेलासी में स्थित है। जहां पर बाबा गुरू घासीदास की कर्मभूमि और सतनामी पंथ के संत अमर दास की तपोभूमि जिसे स्थानीय लोग तेलासी बाड़ा भी कहते हैं। सतनाम पंथ के लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। 1840 के लगभग तेलासी बाड़ा का निमार्ण गुरु घासीदास के दूसरे बेटे बालक दास ने निर्माण कराया गया था। उनका तेलासी बाड़ा में जीवन यापन चलता रहा। गुरु बालक दास की मौत के बाद 1911 में तेलासी के साथ 273 एकड़ जमीन गणेशमल के पास गिरवी के द्वारा काबिज किया गया था।
जिसे समाज के सर्वोच्च गुरु असकरणदास और राजमहंत नैन दास कुर्रे के नेतृत्व 103 समाज के लोग जेल गए थे। इसी नेतृत्व में 27 अप्रैल 1986 को मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा द्वारा उक्त जमीन समाज को देने की निर्णय लिया गया। जो कि आज भी प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर के रूप में स्थापित हैं।

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