गिनीज बुक और लिम्का बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर विश्वशांति विश्व पदयात्रा टीम पहुंची सक्ती

:रामनारायण गौतम:

सक्ती: विश्वभर में 4 लाख किलोमीटर की पदयात्रा कर चुके, गिनीज़ बुक और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित डेंजरस एडवेंचर्स स्पोर्ट्स लॉन्गेस्ट वर्ल्ड टूर ऑन फुट टीम आज सक्ती पहुँची। टीम के प्रमुख सदस्य अवध बिहारी लाल, जितेन्द्र प्रताप, महेन्द्र प्रताप एवं गोविन्दा नन्द छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों में विश्वशांति विश्वपदयात्रा व रथयात्रा के माध्यम से जन-जागरूकता अभियान चला रहे हैं।

उनके द्वारा जिले में स्कूलों, कॉलेजों एवं सार्वजनिक स्थानों पर संगोष्ठी, संवाद कार्यक्रम, रथयात्रा एवं जन-जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। टीम का उद्देश्य है—पर्यावरण व प्रकृति संरक्षण के साथ-साथ समाज के प्रत्येक वर्ग को सरकारी योजनाओं और जन-जागरण के संदेश से जोड़ना। विश्वशांति और सामाजिक जागरूकता के इस ऐतिहासिक अभियान में सक्ती जिला भी अपनी भागीदारी निभा रहा है।


टीम द्वारा अब तक विश्व के 11 देशों में 4 लाख 52 हजार किलोमीटर की पदयात्रा की जा चुकी है। वर्ष 2018 में टीम ने विश्वपदयात्रा के दौरान माउंट एवरेस्ट बेस कैंप की यात्रा भी सफलता पूर्वक पूरी की। यात्रा के दौरान टीम द्वारा अब तक 14 करोड़ 50 लाख पौधों का वृक्षारोपण कराया गया है तथा विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों एवं ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। टीम द्वारा अब तक भारत के 600 से अधिक जनपदों में अपनी यात्रा कर चुकी है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, गोवा, दमन-दीव एवं महाराष्ट्र के सभी जिलों में अभियान पूरा करने के बाद टीम अब छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में यात्रा कर रही है, जिनमें से 23 जिलों की यात्रा पूर्ण हो चुकी है। अब टीम जिला सक्ती में दो दिवसीय जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

यात्रा की प्रेरक कहानी

विश्वपदयात्रा की शुरुआत 30 जुलाई 1980 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के अवध बिहारी लाल द्वारा की गई। वर्ष 1980 में आई भीषण बाढ़ में उनके परिवार और कई गाँव जलमग्न हो गए थे। एक बरगद के पेड़ को पकड़कर वे घंटों तक जीवन-मृत्यु से संघर्ष करते रहे और बाद में रेस्क्यू टीम व सेना ने उनकी जान बचाई। इस घटना ने उन्हें पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण और जन-कल्याण के लिए जीवन समर्पित करने की प्रेरणा दी।
वर्ष 2001 से टीम में अन्य सदस्य जुड़े और वर्तमान में यह 20 सदस्यीय दल देशभर में पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, सड़क सुरक्षा, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत, जल संरक्षण और मतदाता जागरूकता जैसे विषयों पर जनजागरण कर रहा है। यात्रा के दौरान टीम का एक सदस्य सेवा के दौरान शहीद भी हो चुका है।

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