GST News Update : जीएसटी ने आम लोगों पर कर का बोझ कम करने में मदद की: सरकार

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GST News Update जीएसटी ने आम लोगों पर कर का बोझ कम करने में मदद की: सरकार

GST News Update नयी दिल्ली !   सरकार ने आज कहा कि अप्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में छह वर्ष पूर्व लागू की महत्वपूर्ण कर सुधार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) ने न केवल लोगों पर कर का बोझ कम करने में मदद की है, बल्कि देश में खपत को गति भी दी है और इस कर संग्रह में जबरदस्त बढोतरी हुयी है।

जीएसटी को लागू किये जाने के छह वर्ष पूर्ण होने पर वित्त मंत्रालय ने आज एक के बाद एक कई ट्विट के माध्यम से कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से लागू की गई जीएसटी व्यवस्था के बाद में आम जनता को काफी फायदा मिला है। छह साल पहले लागू की गई जीएसटी ने न केवल आम लोगों पर कर का बोझ कम करने में मदद की है, बल्कि देश में खपत को गति भी दी है। कुल मिलाकर इससे परिवारों को मासिक बिल कम करने में मदद मिली है। मंत्रालय ने जीएसटी लागू होने से पहले और बाद में विभिन्न वस्तुओं पर कर दरों की तुलना करते हुए यह बात कही है। उसने यह भी कहा कि जीएसटी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने से लेकर निवेश को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक रहा है।

जीएसटी एक जुलाई, 2017 की मध्यरात्रि को लागू हुआ था। इसमें 13 उपकर समेत उत्पाद शुल्क, सेवा कर और मूल्य वर्धित कर (वैट) जैसे 17 स्थानीय शुल्कों को समाहित किया गया है। माल एवं सेवा कर के अंतर्गत कर की चार दरें हैं। इसमें आवश्यक वस्तुओं पर कर से या तो छूट है या फिर पांच प्रतिशत की कम दर से कर लगाया जाता है। विलासिता और समाज के नजरिये से हानिकारक वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाया जाता है। कर की अन्य दरें 12 फीसदी और 18 फीसदी हैं।

मंत्रालय ने ट्विट में कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन ने करदाताओं के लिये कर कानून का पालन करना आसान बना दिया है। यह बात इस तथ्य से पता चलती है कि जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं की संख्या एक अप्रैल, 2018 तक 1.03 करोड़ थी। यह बढ़कर एक अप्रैल, 2023 तक 1.36 करोड़ हो गई है।

ट्विट में कहा गया है कि छह साल पहले केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को समाहित कर लागू जीएसटी ने न केवल नागरिकों पर कर का बोझ कम करने में मदद की है, बल्कि यह देश में खपत को गति देने को लेकर इंजन भी साबित हुआ है। जीएसटी लागू होने से पहले वैट, उत्पाद शुल्क, केंद्रीय बिक्री कर और उनके व्यापक प्रभाव के कारण एक उपभोक्ता को औसतन 31 प्रतिशत कर देना होता था।

मंत्रालय ने कहा कि इससे जो लाभ हुए हैं, उसमें विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी, सभी करदाताओं के लिये समान अवसर और बेहतर अनुपालन के माध्यम से राजस्व वृद्धि शामिल है। जब जीएसटी 2017 में लागू किया गया था, उस समय मासिक जीएसटी राजस्व 85 हजार करोड़ से 95 हजार करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर 1.50 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया है और इसमें वृद्धि जारी है। इस साल अप्रैल में यह अब तक के उच्चतम स्तर 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
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उसने कहा कि जीएसटी के तहत कर की दरें कम होने से हर घर में खुशियां आई है। दैनिक उपयोग की विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी के माध्यम से राहत मिली है। जीएसटी भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में व्यापक बदलाव वाला साबित हुआ है और इसने सभी पक्षों को व्यापक लाभ हुआ है।

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