रायपुर: राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि सभ्यता के विकास के साथ-साथ बीमारियां भी बढ़ी हैं और जीवन शैली ने स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। उन्होंने कहा कि बीमारियों का पता लगाने एवं उनके उपचार में एआई, रोबोटिक सर्जरी एवं अन्य नई तकनीकों की भूमिका आज बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। राज्यपाल श्री डेका एम्स रायपुर में आयोजित नाक, कान गला (ईएमटी) रोग विशेषज्ञों के वार्षिक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

राज्यपाल ने कहा कि 15 अगस्त से प्रारंभ यह तीन दिवसीय सम्मेलन विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह भारत के स्वतंत्रता दिवस हमारे अपार राष्ट्रीय गौरव के दिन से शुरू हुआ है। हम स्वतंत्रता और प्रगति के 79 वर्षों का उत्सव मना रहे है। यह सम्मेलन नाक, कान, गला रोग के क्षेत्र के बेहतरीन ज्ञान साझा करने और स्वास्थ्य एवं उपचार संबंधी शोध को आगे बढ़ाने का श्रेष्ठ माध्यम है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ईएनटी कई ऐसे गंभीर मुद्दों से जुड़ा है, जिनमें सिर, गले के कैंसर प्रमुख हैं। दुर्भाग्य से, छत्तीसगढ़ में तंबाकू सेवन की आदतें व्यापक हैं। जिसके कारण ऐसे मामलों की संख्या काफी अधिक है। उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए समाज और विशेषज्ञों से मिलकर कार्य करने का आव्हान किया।

राज्यपाल ने कहा कि बहरापन जीवन की गुणवत्ता प्रभावित करता है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों से इस समस्या के समाधान में मदद मिल रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन भी क्षमता निर्माण और जनजागरूकता बढ़ाने में योगदान देगा।
श्री डेका ने कहा कि एम्स रायपुर तेज़ी से स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट केंद्र बनकर उभर रहा है। उन्होंने सम्मेलन के आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल उभरती चुनौतियों के समाधान प्रस्तुत करते है बल्कि नवाचार को भी बढ़ावा देते है।

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक चर्चाओं, कार्यशालाओं और विचार-विमर्शों जैसे सामूहिक प्रयासों से नई अंतर्दृष्टि, नए समाधान और अंततः रोगियों के लिए बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।
देश और विदेशों से आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए जाना जाता है।
सम्मेलन में एम्स रायपुर के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्यपालन अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. अशोक जिंदल ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. नीतिन नागरकर ने भी अपने विचार रखे। स्वागत उद्बोधन डॉ. रेणु राजगोपाल ने दिया।
इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. मिलिंद वी किर्तने, प्रोफेसर डॉ. ज्योति दाभोलकर, डॉ. मदन कापरे, डॉ. नीतिश जे. शाह सहित देश भर से आए विशेषज्ञ चिकित्सक, एम्स के फैकल्टी मेंबर्स, विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के शिक्षक, विद्यार्थी उपस्थित थे।