Gariyaband news: मूलभूत सुविधाओं से वंचित 40 गांव

मूलभूत सुविधाओं से वंचित 40 गांव

 ग्रामीणों ने एकजुट होकर अपनी मांगों को लेकर खोला मोर्चा, प्रशासन को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम

गरियाबंद। मैनपुर ब्लॉक के राजा पड़ाव क्षेत्र के 8 ग्राम पंचायत के अधीन 40 छोटे बड़े गांव मौजूद है, इन गांव मे पुल-पुलिया समेत शिक्षा और स्वास्थ्य की अधूरी व्यवस्था से ग्रामीण नाराज हैं। कई वर्षों के मांग के बाद बात नहीं बनी तो अब युवाओं ने संगठित होकर मोर्चा खोल दिया है। माह भर पहले ही अंबेडकर वादी युवा संगठन का गठन किया गया है, इसमें प्रभावित 40 गांव के युवा नेतृत्व शामिल है। इसी संगठन के नेतृत्व में रविवार को गोना में विशाल बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक युवा संगठन के अध्यक्ष पतंग मरकाम और जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम के नेतृत्व में हुआ। जिसमें विगत 30 सितंबर को विभिन्न मांगों को लेकर सौंपे गए ज्ञापन पर प्रशासन द्वारा अब तक क्या कदम उठाया गया है, उसकी जानकारी लेने बुधवार को ग्रामीणों का जंबो प्रतिनिधि मंडल जिला कार्यालय पहुंचेगा।

पतंग और संजय ने कहा कि पहल नहीं हुई है तो 15 दिन का समय दिया जाएगा। फिर क्षेत्र में मौजूद अधूरी शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवाथा का बहिष्कार किया जायेगा। क्षेत्र के प्रमुख बुजुर्ग प्रताप सिंह नेताम ने दो टूक कहा कि निशुल्क राशन देकर हमे हमारे हाल पर छोड़ दिया गया है, जिस राशन को लेकर शासन प्रशासन ताना देती है अब उस राशन का भी बहिष्कार करने का निर्णय बैठक में लिया गया है। वर्षों से लंबित मांगों को लेकर चिंगारी फूटी तो युवाओं ने अब अपने अधिकार की मांग के लिए आर पार की लड़ाई लडऩे का मन बना लिया है।इस महत्वपूर्ण बैठक में गोना सरपंच सुनील मरकाम, बुधलाल नेताम, मेहतर नेताम, दीनाचंद मरकाम, श्रीराम मरकाम, दशरथ मरकाम, फूलचंद मरकाम,रविंद्र मरकाम, गोकुल नेताम,महेश सूर्यवंशी,भकचंद नेताम सहित मीटिंग में सैकड़ों की संख्या मेंक्षेत्रभर से युवा और बुजुर्ग शामिल हुए थे।

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अधिकार की सुरक्षा का आग्रह न्यायालय से भी
ग्रामीणों ने इस बार अपनी लड़ाई में वैधानिक पहलुओं पर ध्यान दिया है।30 सितंबर को कलेक्टर के नाम एसडीएम पंकज डाहिरे को सौंपे गए ज्ञापन के साथ-साथ अतरिक्त जिला एवम सत्र न्यायधीश गरियाबंद के नाम भी ज्ञापन सौंप अपने मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायालय के समक्ष भी गुहार लगाया। ग्रामीणों द्वारा रणनीति के तहत सौपी गई मांग और संघर्ष के तरीके को लेकर जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है।

प्रसाशन हर संभव कर रही है कोशिश
मामले में प्रशासन का पक्ष रखते हुए मैनपुर ब्लॉक के जनपद सीईओ डी एस नागवंशी ने बताया की पुल-पुलिया की मंजूरी मिल गई है। टेंडर कोई नहीं ले रहा था, इस पर नए सिरे से पहल हुई है। स्कूल मरम्मत के कम बजट वाले काम शुरू कर दिए गए हैं। शिक्षक की कमी की पूर्ति के लिए शासन स्तर से पत्राचार किया जा रहा है। बिजली का सर्वे कार्य भी पूरी हो चुकी रिपोर्ट दिल्ली भेजा जा रहा है। क्षेत्र वासियों के प्रत्येक मांगो को प्रशासन अपने स्तर पर पूरी करने में लगी हुई है। 3 से 4 माह के भीतर ज्यादातर मांगे पूरी हो जाएंगे। इसलिए क्षेत्र वासियों से सहयोग की अपील करते हैं।

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