महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कभी दहशत का पर्याय बने गैंगस्टर अरुण गवली को
17 साल बाद जेल से रिहाई मिल गई है। गवली नागपुर सेंट्रल जेल से सुप्रीम कोर्ट के
आदेश पर जमानत मिलने के बाद बाहर आया। नागपुर पुलिस की सुरक्षा में उसे
नागपुर के डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर हवाई अड्डे पर लाया गया और वहां से विमान से मुंबई रवाना किया गया।

अरुण गवली 2004 में अखिल भारतीय सेना के उम्मीदवार के रूप में मुंबई की चिंचपोकली विधानसभा सीट से विधायक बने थे। उनका कार्यकाल 2004 से 2009 तक रहा।
शिवसेना पार्षद हत्या केस में काट रहा था उम्रकैद
गवली को 2007 में मुंबई के शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में 2012 में मुंबई सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद उसे नागपुर जेल भेजा गया। 28 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत मंजूर की।

जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने जमानत देते समय यह माना कि गवली 17 साल से अधिक समय से जेल में है और उसकी उम्र 76 वर्ष हो चुकी है।
गैंगस्टर से राजनेता तक का सफर
अरुण गवली अपराध की दुनिया से निकलने के बाद राजनीति में आया और विधायक बना। 2006 में उसे गिरफ्तार किया गया था और जमसांडेकर हत्या केस में मुकदमा चला। अगस्त 2012 में सत्र न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास और 17 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।