:राजकुमार मल:
भाटापारा- अब तय समय पर फूड लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन। खाद्य व्यवसाय के संचालन में
अनियमितता मिलने पर तत्काल लाइसेंस सस्पेंड। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा
से जुड़ी समस्याएं समय पर सुलझाई जा सकेंगी क्योंकि बहुत जल्द SDM रैंक के
पूर्णकालिक जिला अभिहित अधिकारियों की नियुक्ति होने जा रही है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के लागू होने के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन, अभिहित अधिकारी की कमी से जूझ रहा था। यह कमी कई तरह की समस्याओं की वजह बन रही थी हालांकि राज्य सरकार ने अपने स्तर पर व्यवस्था की हुई है लेकिन दोहरे प्रभार की वजह से खाद्य एवं औषधि प्रशासन का नियमित कामकाज प्रभावित हो रहा था। अब यह सभी समस्याएं खत्म होने जा रही हैं।

यह जिम्मेदारी, यह अधिकार
जिला मुख्यालय में नियुक्त पूर्णकालिक जिला अभिहित अधिकारी को खाद्य परिसरों में अनियमितता मिलने की स्थिति में तत्काल लाइसेंस निलंबित करने का अधिकार होगा। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को खाद्य एवं पेय पदार्थ की गुणवत्ता की जांच के आदेश एवं सैंपल की अनुमति देंगे। न्यायालय में प्रकरणों की स्वीकृति तथा संबंधित मामलों के त्वरित निपटान की व्यवस्था करने के साथ जिले में खाद्य सुरक्षा की सालाना समीक्षा की रिपोर्ट पेश करने की जिम्मेदारी होगी।
गुणवत्ता नियंत्रण में आएगी तेजी
एस डी एम रैंक के पूर्णकालिक जिला अभिहित अधिकारियों की तैनाती से न केवल विभाग की कार्य क्षमता बढ़ेगी बल्कि मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने में फौरन मदद मिलेगी क्योंकि निरीक्षण अभियान की तुरंत अनुमति मिलेगी। उपभोक्ताओं को लाभ यह होगा कि सुरक्षित एवं गुणवत्तायुक्त खाद्य व पेय पदार्थ की उपलब्धता तय हो सकेगी क्योंकि संदेह या शिकायत की स्थिति में सख्त कार्रवाई के आदेश फौरन मिलेंगे।

प्रतीक्षा आदेश की
जिलों में एस डी एम रैंक के पूर्णकालिक जिला अभिहित अधिकारी की नियुक्ति की खबर से जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारियों में राहत देखी जा रही है। मानना है कि राज्य सरकार का यह कदम न केवल विभाग की कार्य क्षमता बढ़ाएगी बल्कि निरीक्षण अभियान बाधारहित तरीके से चलाए जा सकेंगे। नई व्यवस्था से संबंधित आदेश और नियुक्ति की प्रतीक्षा बेसब्री से की जा रही है।