Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – ऐसी वाणी बोलिए

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

-सुभाष मिश्र

ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए,
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए।।

कबीर दास जी हमें यह समझाते हैं कि हमेशा ऐसी भाषा बोलनी चाहिए जो सामने वाले को सुनने में अच्छा लगे और उन्हें सुख की अनुभूति हो और साथ ही खुद को भी आनंद का अनुभव हो। मगर, राजनेताओं को कबीर दास का यह विचार रास नहीं आता। अक्सर भारतीय राजनीति में नेताओं के विवादित बयान सुनने को मिलते रहते हैं। नेताओं की बदजुबान का निशाना महिलाएं बनती रही हैं। नेताओं ने मर्यादा की सीमा तोड़ते हुए बयानबाजी की है और विवाद बढने के बाद माफ़ी मांगनी पड़ी है।
गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में सन्दर्भ विशेष में ढोल, गंवार, सूद्र, पसु, नारी। सकल ताडऩा के अधिकारी का उल्लेख किया है, लेकिन विकृत मानसिकता के लोगों ने इसे महिलाओं के अपमान के लिए अपना सूत्र वाक्य मान लिया। महिलाओं के प्रति ऐसी सोच सभ्य समाज के लिए कलंक है। चर्चित और प्रभावशाली महिलाओं के विरूद्ध अपमान टिप्पणी तो विवाद का विषय बन जाते है। मगर, आम महिलाओं के साथ समाज में कैसा व्यवहार होता होगा, इसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
ताजा मामला मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की टिप्पणी का है। पटवारी ने पूर्व मंत्री और भाजपा नेत्री इमरती देवी के कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में वायरल हो रहे ऑडियो पर कहा कि ‘उनका रस खत्म हो गया है, जो अंदर चासनी होती है, उनके लिए अब मैं कुछ बात नहीं कर रहा।Ó यह पहली बार नहीं है कि किसी नेता के बोल बिगड़े हैं। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इमरती देवी पर विवादित बयान दिए थे। कमलनाथ ने इमरती देवी को आइटम बता दिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के अन्य पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी विवादित बयान दिए थे। एक कार्यक्रम में उन्होंने जयंती नटराजन को ‘टंच मालÓ कह दिया था। 2012 में दिसंबर गैंगरेप के बाद दिल्ली में महिलाओं ने बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया था। इन प्रदर्शनों पर भी राजनेता टिप्पणी करने से नहीं चूके। पश्चिम बंगाल के जांगीपुर से कांग्रेस सांसद अभिजीत मुखर्जी ने कहा था कि दिल्ली में 23-वर्षीय युवती के साथ बलात्कार के विरोध में प्रदर्शनों में हिस्सा ले रही छात्राएं ‘सजी-संवरी महिलाएं हैं, जिन्हें असलियत के बारे में कुछ नहीं पता।Ó साथ ही उन्होंने कहा था, ‘हाथ में मोमबत्ती जला कर सड़कों पर आना फ़ैशन बन गया है। ये सजी संवरी महिलाएं पहले डिस्कोथेक में गईं और फिर इस गैंगरेप के खि़लाफ़ विरोध दिखाने इंडिया गेट पर पहुंची।Ó 2012 में गुजरात चुनावों के नतीजों पर चल रही एक टीवी बहस के दौरान काँग्रेस सांसद संजय निरुपम ने स्मृति ईरानी को कहा था कि कल तक आप पैसे के लिए ठुमके लगा रही थीं और आज आप राजनीति सिखा रही हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी संसद में आँख मारते हुए कैमरे में कैद हो चुके हैं। अभी हाल में संजय राउत ने अमरावती से सांसद और भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा को ‘नाचीÓ यानी डांसर कह दिया। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने अभिनेत्री और प्रत्याशी कंगन रनावत की एक फोटो टैग कर एक्स पर लिखा मंडी का भाव क्या है?
मर्यादा की सीमा तोड़ते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव ने एक रैली में कहा था, ‘जब लड़के और लड़कियों में कोई विवाद होता है तो लड़की बयान देती है कि लड़के ने मेरा बलात्कार किया। इसके बाद बेचारे लड़के को फांसी की सजा सुना दी जाती है।Ó जेडीयू नेता स्वर्गीय शरद यादव भी महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी कर चुके हैं। शरद यादव ने बयान दिया था कि बेटियों की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है। वह इतना ही कहकर चुप नहीं उन्होंने साउथ की महिलाओं को लेकर कहा था, साउथ की महिला जितनी ज्यादा खूबसूरत होती है, जितना ज्यादा उसकी बॉडी। राजस्थान में चुनावी सभा में शरद यादव ने कहा कि वसुंधरा को आराम दो, बहुत थक गई हैं। बहुत मोटी हो गई है, पहले पतली थी। हमारे मध्य प्रदेश की बेटी है। 2012 में एक चुनावी रैली में सीपीआईएम नेता अनिसुर रहमान महिलाओं के खि़लाफ़ अत्याचार पर बात करते हुए कहा था कि प्रताडि़त महिलाओं को शायद न्याय नहीं मिलेगा क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बलात्कार की कीमत तय की हुई है।
महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी मामले में बीजेपी नेता भी पीछे नहीं रहे। 2012 में जब नरेंद्र मोदी चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे तो शशि थरूर की पत्नी सुनंदा थरूर के बारे में कहा था, वाह क्या गर्लफ्रेंड है। आपने कभी देखी है 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड? 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में आधार पर बयान दे रहे थे। इस दौरान कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगीं। मुस्कुराते हुए मोदी बोले, सभापति जी रेणुका जी को आप कुछ मत कहिए रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनने का आज सौभाग्य मिला है। बाद में केंद्र सरकार में राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो शेयर कर रेणुका चौधरी की हंसी की तुलना रामायण के किरदार शूर्पणखा से कर डाली। इसके बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने रामायण में शूर्पणखा की नाक काटे जाने का दृश्य भी ट्विटर पर शेयर किया। 2018 में जया बच्चन को समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा में फिर से नामांकित किया गया तो नरेश अग्रवाल ने जया बच्चन को ‘फिल्मों में नाचने वालीÓ बताया। इसी तरह कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था, महिलाओं को ऐसा श्रृंगार करना चाहिए, जिससे श्रद्धा पैदा हो न कि उत्तेजना। कोरबा से पूर्व सांसद बंसीलाल महतो ने छत्तीसगढ़ के पूर्व खेल मंत्री भैयालाल राजवाड़े का नाम लेते हुए कहा था कि वो अक्सर बोला करते हैं कि अब बालाओं की जरूरत मुंबई और कलकत्ता से नहीं है, कोरबा की टूरी और छत्तीसगढ़ की लड़कियां टनाटन हो गई हैं। राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यन स्वामी ने एक बार प्रियंका गांधी के लिए कहा था, वह बनारस से चुनाव हार जाएंगी क्योंकि बहुत शराब पीती हैं। उन्होंने एक बार बयान दिया था कि नई शादी का मजा ही कुछ और होता है और ये तो सब जानते हैं कि पुरानी बीवी में वो मजा नहीं रहता। पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने लड़कियों के शराब पीने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि मैं डरने लगा हूं, क्योंकि अब तो लड़कियां भी शराब पीने लगी हैं। सहने की क्षमता खत्म हो रही है।
हरियाणा के खाप पंचायत नेता जितेंद्र छत्तर ने समाज में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर पूछे गए सवाल पर कहा था, मेरे ख्याल से फास्ट फूड खाने से बलात्कार की घटनाएं बढ़ती हैं। चाऊमीन खाने से शरीर के हार्मोन में असंतुलन पैदा होता है। इसी वजह से इस तरह के कार्य करने का मन करता है। पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो सदन में महिला विधायकों की मौजूदगी में प्रजनन दर की चर्चा करते हुए अभद्र और अश्लील वक्तव्य दिया। उससे न सिर्फ महिला सदस्यों को शर्मशार कर दिया, बल्कि नारी शक्ति का अपमान किया है। नीतीश कुमार ने अश्लील वक्तवय देना शुरू कर दिया तो बीजेपी की एकमात्र महिला सदस्य नाराजगी जताते हुए सदन से बाहर निकल गईं। लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और मंत्री लेसी सिंह शर्म से सिर झुकाए बैठी रहीं।
महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी के मामले दूसरे देशों में ऐसे ही है। 2017 में ब्रिटेन के एक पार्षद के बयान पर अच्छा खासा बवाल मचा था। पार्षद ने सांसद का चुनाव लड़ रही एक गर्भवती महिला राजनेता के बारे में कह दिया था, वो गर्भवती हैं और उनका समय तो नैपी बदलने में ही बीत जाएगा, वो आम लोगों की आवाज़ क्या उठाएंगी। यूरोपियन संसद के एक सांसद ने बयान दिया था कि महिलाओं को कम पैसा मिलना चाहिए, क्योंकि वो कमज़ोर, छोटी और कम बुद्धिमान होती हैं। महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी के हमाम में सब नंगे हैं।

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