Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – सपनों की नई उड़ान

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से - सपनों की नई उड़ान

-सुभाष मिश्र

छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में बेहद आकर्षक बजट भाषण पेश किया. सदन में लंबे समय बाद इतना सधा हुआ भाषण सुनने को मिला. विष्णुदेव सरकार के पहले बजट में छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है. चौधरी ने इसके लिए 2047 का लक्ष्य
रखा है. ओपी ने बच्चन की पंक्ती है अँधेरी रात पर दीया जलाना कब मना है को उल्लेखित करते हुए अपनी बात कहनी शुरू की. उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहजता को प्रेरणा बताया. वे बजट भाषण के दौरान कई बार प्रधानमंत्री का जिक्र किया और उनके विजन पर चलकर छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की परिकल्पना की. अमृत काल का जिक्र करते हुए ओपी चौधरी ने कहा कि उन्हें अक्सर चिंता सताती थी कि जब देश विकास के नए नए सोपान पार कर रहा है उस दौर में छत्तीसगढ़ को भ्रष्ट और स्वार्थपरक ताकतों ने दबोच रखा था. लेकिन लोकतंत्र की ताकत ने नकारात्मक शक्तियों को पराजित कर दिया. विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना पर बात करते हुए उन्होंने सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की बात कही. उन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए 10 स्तंभों की बात कही. इनमें पहला स्तंभ ज्ञान (GYAN) को बताया इसे समझाते हुए उन्होंने कहा कि GYAN का मतलब गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी से है, पीएम मोदी समाज को इन्हीं चार स्वरूप में देखते हैं. ओपी ने बजट भाषण में पर्याप्त रूप से तंज को शामिल किया, GYAN के बार में बताते हुए उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पिछले पांच साल में यहां की सरकार ने गरीब, युवा अन्नदाता यानि किसान की उपेक्षा हुई है. ओपी ने अपने भाषण में नेल्सन मंडेल को कोड करते हुए कहते हैं कि मंडेला कहते थे कि किसी देश को तबाह करने के लिए बम बारूद या मिसाइल की जरूरत नहीं है बल्कि उसकी शिक्षा की गुणवत्ता खराब कर दी जाए उसे भ्रष्ट कर दिया जाए. छत्तीसगढ़ में पीएससी की परीक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार से यहां के लाखों युवाओं के साथ अन्याय हुआ है. इसकी जांच सीबीआई से कराने का फैसला विष्णुदेव सरकार ने पहले ही ले लिया है. चौधरी ने कहा कि हम इस तरह की परीक्षाओं में और पारदर्शिता लाने के लिए प्रयास करेंगे. एक तरफ चौधरी पीएससी में हुई गड़बड़ी की बात तो करते हैं लेकिन पिछली सरकार में शिक्षा के क्षेत्र में हुई स्वामी आत्मानंद स्कूल जो की कलेक्टर की निगरानी में संचालित थे उन्हें स्कूल शिक्षा विभाग में विलय करने का फैसला ले लिया है. अब सवाल उठता है कि जिस योजना की इतनी लोकप्रियता थी उसे स्कूल शिक्षा विभाग के हवाले करने से शिक्षा का स्तर कितना उठ पाएगा.
ओपी चौधरी अपने बजट भाषण में एक और दमदार बात कही कि सिर्फ बात करने से कुछ नहीं होता इसके लिए उद्यम करना होता है. इसके बाद वे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की बात कहते हुए कहते हैं कि इस बारे में हमारी प्रतिबद्धता सुस्पष्ट है. इस संदर्भ में अटल जी की कविता को कोड करते हुए कहते हैं कि
भारत कोई जमीन का टुकड़ा नहीं यह जीता जागता राष्ट्र पुरुष है.
यह चन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है,
यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है।
इसका कंकर-कंकर शंकर है,
इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है।
हम जियेंगे तो इसके लिये
मरेंगे तो इसके लिये।
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और श्रीराम लला के प्रति प्रदेश की जनता की अपार आस्था को देखते हुए सरकार ने श्रीराम लला दर्शन योजना मोदी की गारंटी के तहत शुरू की है। ओपी ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर आगे बढ़ने के लिए बस्तर और सरगुजा क्षेत्र को खासतौर पर जोड़ने की बात कही है. वाकई में इन क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा जंगल और आदिवासी जनजीवन से जुडे व्यापार-व्यवसाय
इस तरह कई लोक लुभावने प्रावधान करते हुए ओपी ने अपने बजट भाषण से सब का दिल जीत लिया विपक्ष के पास भी इस बजट भाषण और उसमें किए गए प्रावाधानों के विरोध में कहने को कुछ नहीं थी. बजट पेश करने के मामले में ओपी से जैसी उम्मीद थी वो उस पर पूरी तरह खरे उतरे हैं लेकिन इसके क्रियानवयन में सरकार कितनी खरी साबित होती है वक्त बताएगा.

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