Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – बाजारवाद और सोशल मीडिया

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से - बाजारवाद और सोशल मीडिया

– सुभाष मिश्र

मारे जीवन में सबसे जरूरी आवश्यकताओं में से एक इंटरनेट और मोबाइल बनते जा रहे हैं। इंटरनेट पर हमारे बारे में कई तरह की जानकारी उपलब्ध चाहे वो सोशल मीडिया के जरिए हो या फिर हमारे सर्च करने की आदत के जरिए हो हमारे डाटा आज इंटरनेट पर मौजूद हैं। इनसे डाटा के लीक होने का भी खतरा हमेशा बना होता है। इसके अलावा इंटरनेट की क्रांति ने छोटे उम्र के बच्चों और किशोरों को भी अपनी गिरफ्त में लिया है। आज कम उम्र के बच्चे भी इसकी जद में आ चुके हैं। खैर इसके मद्देनजर केन्द्र सरकार ने डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2023 लाया है। इसके प्रावधान के मुताबिक, अगर किसी कंपनी द्वारा यूजर्स का डाटा लीक किया जाता है और कंपनी द्वारा ये नियम तोड़ा जाता है तो उस पर 250 करोड़ रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। विधेयक पेश किए जाते ही विपक्षी सदस्यों द्वारा इसका विरोध किया जाने लगा। विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। नए डाटा प्रोटेक्शन बिल से सोशल मीडिया कंपनियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी और उनकी मनमानी भी कम होगी। नए डाटा प्रोटेक्शन बिल 2023 के अनुसार, यूजर्स के डिजिटल डाटा का दुरुपयोग करने वाली या उनकी सुरक्षा करने में नाकाम वाली संस्थाओं भारी जुर्माना लग सकता है। इस विधेयक में बच्चों को यूजर्स बनाने को लेकर भी नियम बनाए गए हैं।
इसमें टीनेजर्स यानी 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए कई तरह के प्रावधान किए गए हैं, जिसके तहत बच्चों के इंटाग्राम, फेसबुक और ट्विटटर जैसे सोशल मीडिया अकाउंट बनाने पर बैन लगाया जा सकता है। साथ ही कई अन्य तरह के नियम और शर्तें लागू की जा रही है। सबसे पहला नियम कि बच्चे बिना अपने माता-पिता की इजाजत के सोशल मीडिया अकाउंट नहीं बना पाएंगे। मतलब बच्चे किन नाम और अकाउंट से सोशल मीडिया पर मौजूद हैं, उसकी जानकारी उनके माता-पिता को होगी। नए नियम के तहत कोई भी टेक कंपनी बच्चों के डेटा को एक्सेस नहीं कर पाएगी। उनके डेटा को एक्सेस करने के लिए टेक कंपनी को पहले माता-पिता से इजाजत लेनी होगी। इसके अलावा कोई भी कंपनी बच्चों को टागरेट करने वाले विज्ञापन नहीं दिखाएगी। ऐसा करने पर सजा का प्रावधान किया जाएगा। ये डेटा आपके नाम, आधार, बैंक अकाउंट, उम्र, शिक्षा और भी कई तरह का हो सकता है। फोन में यूजर से ली गई परमिशन एक बार और हमेशा के लिए होती है। इसके बाद आप ऐप की सेवाएं ले पाते हैं। आप सोच रहे होंगे तो इसमें कौन सी नई बात है। तो बात यही से शुरू होती है कि संसद में पास डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2023 यूजर का डाटा इस्तेमाल करने वाली फम्र्स पर कुछ बंदिशें लागू करता है।
इस कानून के आने से देश में बेलगाम सोशल मीडिया पर कुछ लगाम लगने की उम्मीद है। जिस तरह से आज बाजार इन सोशल मीडिया पर केन्द्रित होते जा रहा है। उसके मद्देनजर ये डाटा बहुत अहम हो जाते हैं। सोशल मीडिया हमारे सर्च हमारी चैटिंग के जरिए हमारे बारे में बेहद आसानी से पता लगा लेते हैं और यही डाटा वो कंपनियों को बेचते हैं। ये एक तरह से गोपनियता भंग करने वाला मामला है। इस तरह के मामलों में अब कुछ हद तक रोक लग सकेगा। अवयस्कों को लेकर जो नियम बनाए जा रहे हैं उसकी भी बहुत ज्यादा जरूरत है, क्योंकि इस तरह के प्लेटफॉर्म के चलते बचपन गुम हो रहा है और बच्चे कई ऐसे दोस्त और सर्कल में पहुंच रहे हैं जहां भौतिक रूप से उनकी पहुंच नहीं थी। इससे कुछ ज्यादा कठोर नियम चीन बनाने जा रहा है। मीडिया सूत्रों के हवाले बताया जा रहा है कि चीन सरकार 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए दिन में स्मार्टफोन इस्तेमाल का समय 2 घंटे निर्धारित कर सकती है। हालांकि कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि अगल-अलग उम्र के बच्चों के लिए स्मार्टफोन के इस्तेमाल का समय अलग-अलग होना चाहिए। नए प्रस्ताव के मुताबिक, चीन में आठ साल से कम उम्र के बच्चों को एक दिन में अधिकतम 40 मिनट स्मार्टफोन इस्तेमाल करने की छूट दी जानी चाहिए। वहीं 8 से 16 साल के बच्चे को रोजाना एक घंटे स्मार्टफोन इस्तेमाल की छूट होनी चाहिए। अगर बच्चे की उम्र 16 से 17 साल के बीच है, तो रोजाना दो घंटे का समय निर्धारित किया जाना चाहिए। कहने का मतलब साफ है कि मोबाइल और इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर चिंता भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के कई देशों में है। कई देशों ने इसको लेकर पहल भी कर दी है। तकनीक का जिस तरह से हमारे जीवन में दखल बढ़ते जा रहा है हमें नए नियम बनाने होंगे नहीं तो ये हमारे जीवन पर हावी हो जाएंगे। तभी तो एक दौर था जब मोदी सरकार ने देश में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया था आज वही मोदी सरकार को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल लेकर आना पड़ रहा है। जरूरत उस वक्त डिजिटलीकरण के लिए उदारता की थी, लेकिन आज जरूरत सतर्कता की है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU