Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – कितनी न्याय संगत होगी गारंटी !  

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

-सुभाष मिश्र

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है, जिसे न्याय पत्र नाम दिया गया है। ये मेनिफेस्टो 5 ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ पर आधारित है। कांग्रेस घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर को तुरंत पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करेंगे। हम लद्दाख के जनजातीय क्षेत्रों को शामिल करने के लिए संविधान की छठी अनुसूची में संशोधन करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस अग्निपथ योजना को खत्म कर देगी और सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा अपनाई जाने वाली सामान्य भर्ती प्रक्रियाओं पर लौट आएगी जो हमारे सैनिकों के लिए आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देगी। इस दौरान पूर्व गृहमंत्री चिदंबरम ने कहा कि लद्दाख में चीनी घुसपैठ और 2020 में गलवान झड़प ने दशकों में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा झटका दिया। पीएम मोदी ने चीन को क्लीन चिट दे दी जिससे हमारी बातचीत की स्थिति काफी कमजोर हो गई। कांग्रेस ने नोटबंदी, रफाल सौदा, पेगासस मामला, पीएम केयर फंड और चुनावी बॉन्ड आदि की जांच कराने का वादा किया है।  कांग्रेस के घोषणा पत्र में 30 लाख नौकरियां, गरीब परिवार की महिलाओं को एक लाख रुपये सालाना, जाति जनगणना, एमएसपी को कानूनी दर्जा, मनरेगा मजदूरी 400 रुपए, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग रोकने जैसे बड़े वादे किए गए हैं। कांग्रेस ने ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’ जैसे पांच न्याय की बात इसमें कही है। ‘युवा न्याय’ के तहत पांच गारंटी की बात की है कांग्रेस ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी है।  एक नजर में देखा जाए तो लोक लुभावन वादे के अलावा रक्षा के मुद्दे को काफी फोकस किया गया है। दरअसल मोदी सरकार और भाजपा ने एक धारणा तैयार की है जिसकी जड़ें काफी मजबूती से जम गई है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति काफी मजबूत हुई है। इस धारणा को तोडऩे की कोशिश की गई है। भाजपा ने सोशल मीडिया में भारत को पीएम मोदी की अगुवाई में भारत एक महाशक्ति के रूप में स्थापित हो गया है। इसी धारणा के खिलाफ कांग्रेस ने चीनी घुसपैठ की बात उठाई है। हालांकि इस मुद्दे को वोट में बदलना बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा फ्री बीज की बात इस चुनाव के पहले बहुत बार हुई लेकिन इस घोषणा पत्र में कांग्रेस फ्री बीज के मोह से नहीं छूट पाई। महिलाओं को हर साल एक लाख रुपए देना इसी का हिस्सा है।   इधर कांग्रेस के इस घोषणा पत्र को बीजेपी ने झूठ का पुलिंदा बता दिया है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा है। इसे मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि दशकों तक देश में शासन करने वाली कांग्रेस आज ‘न्याय’ की बात कर रही है लेकिन उनकी सरकार ने सत्ता में रहते हुए न्याय नहीं किया। इसके अलावा भाजपा ने घोषणा पत्र में विदेश की तस्वीरों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।  बहरहाल इस घोषणा पत्र में विकास को लेकर कोई खास अवधारणा नजर नहीं आती। बहुत से ऐसे मुद्दे हैं जो साफतौर पर नजर आते हैं कि इन्हें मोदी सरकार के विरोध के लिए रखे गए हैं। नोटबंदी और रफाल जैसे मुद्दों पर अब आम जनता को कितना अपने पक्ष में किया जा सकता है। युवाओं को 30 लाख नौकरी के नाम पर युवा न्याय की बात की गई है। इसमें जो वादे किए गए हैं उससे आरक्षण भी बढ़ सकता है। कांग्रेस ने गारंटी दी है कि वो एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पारित करेगी। कांग्रेस ने युवाओं को जाति आधार पर कई तरह की सुविधाएं देने का वादा कर रही है। इनमें विदेश में शिक्षा से लेकर साल भर के भीतर एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित पदों की सभी बैकलॉग रिक्तियों को भरने जैसा वादा किया गया है। चुनाव घोषणा पत्र को कांग्रेस नेतृत्व कैसे जमीन पर उतारेगी कैसे लोगों का भरोसा जीतेगी ये आने वाले समय में इस तपती गर्मी में जमीनी कार्यकर्ताओं की मेहनत और पार्टी के बड़े नेताओं पर जनता का भरोसा तय करेगा। क्योंकि राजनीति में वादा करना और उसे निभाने में काफी फर्क होता है।

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