freedom of speech and expression ‘फैक्ट चेक यूनिट’ को लेकर  केंद्र सरकार कीअधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

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freedom of speech and expression ‘फैक्ट चेक यूनिट’ को लेकर  केंद्र सरकार कीअधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

freedom of speech and expression नयी दिल्ली !   उच्चतम न्यायालय ने भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रभाव का विश्लेषण करने को अनावश्यक बताते हुए ‘फैक्ट चेक यूनिट’ से संबंधित केंद्र सरकार की 20 मार्च 2024 की अधिसूचना पर गुरुवार को अंतरिम रोक लगा दी।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरान और एडिटर्स गिल्ड की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के संचालन को निलंबित कर दिया।

पीठ ने कहा कि इससे संबंधित मामला उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। अदालत कई महत्वपूर्ण सवालों पर विचार कर रही है।

पीठ ने हालाँकि, कहा, “हमारा मानना ​​है कि उच्च न्यायालय के समक्ष आने वाले प्रश्न संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के मूल प्रश्नों से निपटते हैं। उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय लंबित होने के कारण, हम गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेने से बच रहे हैं। हमारा विचार है कि अंतरिम राहत के आवेदन की अस्वीकृति के बाद 20 मार्च, 2024 की अधिसूचना पर रोक लगाने की जरूरत है।’

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शीर्ष अदालत ने बताया कि नियम 3(1)(बी)(5) की वैधता को दी गई चुनौती में गंभीर संवैधानिक प्रश्न शामिल है और मुक्त भाषण और अभिव्यक्ति पर नियम के प्रभाव का उच्च न्यायालय द्वारा विश्लेषण करने की आवश्यकता होगी।

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