Fraud to reduce electricity bill बिजली बिल कम कराने का झांसा देकर ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार
Fraud to reduce electricity bill कोरबा । उपभोक्ताओं को फर्जी बिल थमा कर बाद में उसे कम कराने का आश्वासन देकर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश पुलिस ने किया है।
गिरोह के दो आरोपितों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई की गई है। वहीं कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं।
Fraud to reduce electricity bill जानकारी के अनुसार ग्राम नकटीखार निवासी महावीर प्रसाद साहू के घर पहुंच 13 अगस्त को विकास तिवारी नामक व्यक्ति ने कहा कि बिजली का बिल बहुत ज्यादा आया है। अगर आप चाहेंगे, तो मैं कम कर दूंगा। अगले माह से बिल कम आने लगेगा, इसके एवज में आधा बिल पटाना पडयेगा।
Fraud to reduce electricity bill तिवारी के झांसे में आकर महावीर द्वारा फोन पे, गूगल पे के माध्यम से 30 हजार रूपये ठगी कर लिए। कुछ दिन पश्चात बिजली विभाग से फिर से बिल प्राप्त होने पर उसे ठगी का अहसास हुआ। इस पर महावीर प्रसाद ने रामपुर पुलिस चौकी में अज्ञात आरोपित के विरुद्घ धारा 420 मामला दर्ज कराया।
पुलिस ने अपराध पंजीबद्घ कर विवेचना में लिया गया। इधर पुलिस को भी लगातार सूचनाएं मिल रही थी कि जिले में एक गिरोह सक्रिय है जो उपभोक्ताओं के घर जाकर बिजली बिल कम करने का झांसा देकर उनसे ठगी कर रहा है।
Fraud to reduce electricity bill सूचना पर चौकी प्रभारी रामपुर उप निरीक्षक कृष्णा साहू व सायबर सेल के टीम को ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने टीम बना कर जांच शुरू की। इस दौरान आरोपित विष्णु देवांगन 30 वर्ष निवासी बेलदारपारा व राकेश रात्रे 26 वर्ष निवासी दर्राभाठा चांपा थाना चांपा जिला जांजगीर चांपा द्वारा गिरोह बनाकर उक्त घटना को अंजाम दिए जाने के संबंध में मामला सामने आया।
Fraud to reduce electricity bill इसमें आरोपितों द्वारा बिजली उपभोक्ताओं के घर पर जाकर उनके फोन पर वाट्सएप के माध्यम से फर्जी बिल प्रेषित कर फोन पे, गूगल पे व नकदी रकम लेकर धोखाधडयी कर रहे थे। मामले में आरोपित विष्णु देवांगन एवं राकेश रात्रे को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
Fraud to reduce electricity bill उल्लेखनीय है कि सभी आरोपित पूर्व में बिजली मीटर रीडिंग का ठेका लेने वाली कंपनी के कर्मचारी हैं और कंपनी का ठेका समाप्त होने के बाद बेरोजगार हैं।
कंपनी में काम करने के दौरान उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन के बारे में जानकारी इनके पास था। इसका आरोपित दुरुपयोग कर ठगी करना शुरू कर दिया था।