देश के उपराष्ट्रपति पद को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को नक्सल समर्थक कहे जाने पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखा पलटवार किया है।

भूपेश बघेल ने कहा, “जब तड़ीपार जैसे व्यक्ति को इस देश का गृह मंत्री बनाया जा सकता है, तो सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने में कोई आपत्ति क्यों?” बघेल ने कहा कि बीजेपी बार-बार संविधान और न्याय की बात करती है, लेकिन व्यवहार में वह स्वयं संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रही है।
क्या था अमित शाह का आरोप?
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि बी. सुदर्शन रेड्डी ने वर्ष 2011 में सलवा जुडूम को लेकर एक ऐसा फैसला दिया था, जिसने नक्सलवाद को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा, “यदि सुप्रीम कोर्ट उस फैसले में हस्तक्षेप न करता, तो 2020 तक नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा हो सकता था।” अमित शाह ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष नक्सली मानसिकता वाले लोगों को देश के सर्वोच्च पदों पर बैठाना चाहता है।
मंत्रिमंडल विस्तार पर भी साधा निशाना
भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की साय सरकार में हुए 14 मंत्रियों के गठन को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी के समय जो नियम बनाए गए थे, उसी का पालन रमन सिंह सरकार में भी हुआ था। तब चार मंत्रियों को हटाया गया था। लेकिन अब जब उन्हीं नियमों की बात की जा रही है, तो भाजपा को परेशानी क्यों हो रही है?”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा संविधान और कानून की रक्षा करने में विश्वास रखती है, और वही राह आज राहुल गांधी भी दिखा रहे हैं।
राजनीतिक संग्राम तेज
यह बयानबाजी ऐसे समय में हो रही है जब देश में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। अमित शाह के बयान को साझा करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है। वहीं कांग्रेस नेताओं ने इसे जनता का ध्यान भटकाने की रणनीति करार दिया है।