:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- अंततः बसना बीआरसीसी पद पर बैठे पूर्णानद मिश्र को भारी विरोध के बाद उनके मूल शाला मिडिल शाला मोहका में वापस भेज दिया गया है । इस संबंध में जिला परियोजना अधिकारी द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है ।
ज्ञातव्य हो की संकुल समन्वयको एवं शिक्षक संगठनो के विरोध की वजह से पूर्णानन्द मिश्रा ने कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक समग्र शिक्षा को अपना त्यागपत्र जिला परियोजना कार्यालय के माध्यम से सौंपा था। बद्री विशाल जोल्हे सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को बीआरसीसी अस्थायी प्रभार दी गई है।

ज्ञातव्य हो की इस संबंध में सर्वप्रथम इस संवाददाता द्वारा समाचार प्रकाशन कर उच्च अधिकारियो का ध्यान सर्विस बुक में चेतावनी दंड को दर्ज करने व पूर्णानद मिश्रा को बीआरसीसी से हटाए जाने के संबंध में आकर्षितवक्रया गया तज जिसके परिणामस्वरूप उच्च अधिकारियों द्वारा उक्त कार्यवाही की गई ।
मालूम हो कि शिक्षक संगठनो एवं संकुल समन्वयको ने कलेक्टर महासमुन्द को 10 बिन्दुओ में लिखित शिकायत की गई थी । इन्होने पूर्णानन्द मिश्रा के उपर कई गंभीर आरोप लगाये थे। बीआरसीसी को नही हटाने पर सामूहिक इस्तिफा दिए जाने की भी चेतावनी दी गई थी ।
मामले को देखते हुए डीईओ विजय लहरे एवं डीएमसी रेखराज शर्मा द्वारा जांच की गई । इसके बाद इस मामले में जमकर राजनीति भी हुई । शिकायत कर्ताओं से मान मनव्वल भी की गई । मिश्रा द्वारा काफी जोड़ तोड़ भी किया गया कि संगठन में जाये हर प्रकार का प्रयास किया गया किंतु संगठन मिश्रा के इस्तीफे पर अड़ा रहा ।
अपने खिलाफ माहौल को देखते हुवे पूर्णानन्द मिश्रा ने 11 जुलाई को त्यागपत्र दे दिया। वजह व्यक्तिगत कारण बताया। चर्चा है कि इसी वजह से शिक्षक संगठन एवं संकुल समन्वयको ने शिकायत वापस ले ली किंतु इसके बाबजूद शिकायत कर्ताओं को शंका बनो हुई थी कि त्यागपत्र स्वीकृत किया जायेगा य्या नही ।
कहीं ऐसा तो नही बाद में खेल खेल दिया जाए ।लेकिन उसके त्याग पत्र को स्वीकृत करके 23 जुलाई को उसके मूल शाला में वापसी का आदेश जारी किया गया।
विदित हो कि पूर्णानन्द मिश्रा को 2018 में चेतावनी दण्ड मिला था। जिसे उसके सर्विस बुक में एन्ट्री नही किया था। आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने इस मामले को उठाया तब पूर्णानन्द मिश्रा के सर्विस बुक में 07 साल बाद चेतावनी दंड को दर्ज किया गया ।