नमी के बोझ से ढीली होगी किसानों की जेब…चेन हार्वेस्टर से ही करनी पड़ेगी फसल कटाई

कल्टीवेशन, बीज, उर्वरक और कीटनाशक पर बेतहाशा खर्च कर चुके किसानों को अब कटाई पर भी बेतरह पैसे देने होंगे क्योंकि मानसून ने वापसी के पूर्व जो कहर बरपाया है, उसके बाद खेतों में अभी भी जल-जमाव जैसी स्थिति बनी हुई है।


काॅमन नहीं, चेन हार्वेस्टर

विदा लेते मानसून ने जो रूप दिखाया उसके बाद गहराई वाले खेतों में जल-जमाव किसानों की चिंता बढ़ा रहा है क्योंकि सामान्य हार्वेस्टर प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इसलिए चेन हार्वेस्टर की मदद लेनी पड़ेगी। फसल कटाई के लिए जिसका प्रति घंटा किराया 3000 से 3500 रुपए बोला जा रहा है। आशंका 4000 रुपए प्रति घंटा तक जाने की व्यक्त की जा रही है।


मौका थ्रेसर का भी

खेत ही नहीं, खलिहान भी गीले हैं। इसलिए हाथों से काटी गई फसल की मिसाई मैदानों में या खेतों में ही करनी होगी। सुनहरा अवसर है थ्रेसर मालिकों के लिए। बीते बरस 1000 रुपए से 1500 रुपए प्रति घंटा की दर पर मिल रहे यह थ्रेसर इस बरस 1200 से 1700 प्रति घंटा की दर पर ही मिलने की संभावना है। डिमांड ज्यादा रही किराया दरों में और भी वृद्धि के आशंका है।


महंगी पड़ेगी गिरी हुई फसल की कटाई

विदा लेते मानसून ने तेज हवाओं के साथ जैसा रूप दिखाया, उसने तैयार होती फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। तेज हवा के झोंके से गिर चुकी फसल की कटाई हाथों से ही की जा सकेगी लेकिन यह भी महंगे में खेतों तक पहुंच पाएंगे। विकल्प नहीं के बराबर है इसलिए बढ़ी हुई मजदूरी दर देने के लिए तैयार हो रहे हैं किसान।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *