Farmer : खड़ी धान की फसल को पीटते देख रो रहे किसान….
अनिता गर्ग
Farmer : प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी और स्थानीय इंजीनियर से कर चुके मिन्नते फिर भी नहर से पानी बहना नहीं हो रहा बंद
लैलूंगा / लैलूंगा नगर के किसानों की पक्की धान की फसल को बर्बाद करने के लिए जल संसाधन विभाग में विगत कई
Farmer : दिनों से नहर में पानी छोड़ रखा है, इन दिनों नगर के किसानों ने जहां बारिश की अति देखी वही अपने खड़ी पकी फसल पर नहर के पानी को देख किसानों के माथे पर परेशानी की लकीर देखी जा सकती है।
कई किसानों ने तो अपनी फसल काट कर करपा खेत में सुखाने को छोड़ रखा था, अब पानी ने उनकी पूरी फसल को भीगा दिया है
अभी की फसल के नष्ट होने के साथ-साथ धान उपार्जन केंद्र में समर्थन दर से खरीदी जाने में संशय उत्पन्न हो रहा है। अब इस नूकसान की भरपाई कौन करेगा क्या फसल बीमा का लाभ इन किसानों को दिया जाएगा
या जल संसाधन विभाग से इन किसानों को नुकसान की भरपाई कराई जावेगी बताया जा रहा है कि 1 दिन बंद करने के बाद पुनः नहर में पानी छोड़ दिया गया है।
बार-बार स्थानीय इंजीनियर को फोन लगाने से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। बताया यह भी जा रहा है कि प्रभारी एसडीओ भी लैलूंगा कार्यालय में कभी उपस्थित नहीं होते हैं
पूर्व में ग्रीष्म ऋतु में नहर मरम्मत के नाम पर किसानों ने फसल नहीं कमाई थी। और नहर का मरम्मत कार्य किसी भी तरह से नहीं हुआ। तत्कालीन एसडीएम ने जल संसाधन विभाग में किसानों की बैठक लेकर विश्वास दिलाया था,
कि इस गर्मी में नहर की मरम्मत अवश्य हो जाएगी सभी किसानी हेतु फसल न कमाने का निर्णय लिया था पर जल संसाधन विभाग ने आज तक नर्मदा बंद नहीं कराया ।
जिस कारण से इंजीनियर के कार्य प्रणाली से लैलूंगा के किसानों में रोष व्याप्त है ,फोन करने से फोन रिसीव नहीं करते हैं किसानों में अब उग्र आंदोलन की स्थिति निर्मित होने लगी है।