:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली : गौरवपथ का विवाद कभी थमता ही दिखाई नहीं दे रहा । कांग्रेस सरकार के समय स्वीकृत हुआ यह गौरव पथ भाजपा नगरीय सरकार में विकृत हो गया । चुनाव में किसी भी तरह विजय हासिल किए जाने हेतु पूर्व प्राक्कलन के विरुद्ध लगभग 4 गुना से भी अधिक 53क्रासिंग छोड़ दिया गया था । यह क्रासिंग वोट की राजनीति के चलते मतदाताओं व व्यापारियों से वोट लेने के चक्कर में जिसने जहां कहा वहां क्रासिंग छोड़ा गया । संतुष्टिव तुष्टिकरण की राजनीति ने गौरवपथ का सत्यानाश ही के दिया । यहां तक झिलमिला चौक से बैतारी चौक तक ही अनावश्यक रूप से 6 बड़े व छोटे क्रासिंग छोड़े गए थे ।

जबकि लगभग आधा किलोमीटर की दूरी से भी कम दूरी में जहां रिहायशी मकान ही नहीं है वहां 6 क्रासिंग छोड़ना इसका प्रमाण है कि भविष्य में अपने को फायदा व लाभ मिल सके । वर्तमान में सिर्फ जगन्नाथ विहार कालोनी है जहां गिनती के 10- 15 घरों को छोड़ दें तो झिलमिला चौक से बैतारी चौक तक रिहायशी मकान ही नहीं है पूरा सुना पड़ा है ऐसी जगहों में 6 क्रासिंग छोड़ना समझ से परे था । नगरपालिका के अदूरदर्शिता का परिणाम यह था कि जगन्नाथ विहार व विश्वनाथ राईस मिल के सामने आवागमन के लिए क्रासिंग छोड़ा जाना था उसे उल्टा बंद किया जा रहा था जबकि पास पास ही व्यक्तिगत फायदे के 2 क्रासिंग छोड़ दिया गया था । इस संवाददाता व कालोनीवासियों के विरोध के बाद यहां क्रासिंग छोड़ा गया । पर अभी भी ऑइल मिल व हनुमान मंदिर के सामने क्रासिंग को बंद नहीं किया गया है । क्रासिंग को बंद किए जाने की शिकायत सीडीएम से भी विद्यार्थियों व राहगीरों की सुविधा की सुरक्षा को देखते हुवे की गई है ।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बैतारी स्थित आइल मिल के सामने 30 से 40फिट चौड़ा क्रासिंग प्रारंभ से ही छोड़ा गया है । जबकि इस क्रासिंग के कुछ ही मीटर पहले घंटेश्वरी मंदिर के सामने अनावश्यक रूप से 50- 60 फिट चौड़ा क्रासिंग छोड़ दिया गया था जिसे लगातार समाचार प्रकाशन के बाद बंद किया गया । इसी क्रासिंग के पहले बैतारी तरफ से नगर प्रवेश करते समय आइल मिल के पास से ही डिवाइडर की शुरुवात होती है ऐसे में 20-30 मीटर के बाद इतनी लंबी चौड़ी क्रासिंग दिए जाने का क्या मतलब है ।
इस संबंध में बताया जा रहा है कि आइल मिल मालिक व ठेकेदार एक दूसरे के रिश्तेदार है इसलिए उनके कहने पर यह नियम विरुद्ध कार्य नगरपालिका द्वारा किया गया है । सवाल यह उठता है कि क्या रिश्तेदारी होने से नियम के विरुद्ध जाकर किसी को फायदा पहुंचाया जा सकता है ? उन्हें इस तरह की छूट जनाक्रोश के बाद भी दी जा सकती है ?

ज्ञातव्य हो कि बैतारी व उससे लगे ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल विद्यार्थीयों का शासकीय हाईस्कूल , सरस्वती शिशु मंदिर , ईवाश वुडलैंड स्कूल के साथ ही महाविद्यालयीन छात्र छात्राएं इसी मार्ग से पढ़ने जाती है । ऐसे में अनावश्यक रूप से आइल मिल व हनुमान मंदिर के सामने क्रासिंग छोड़े जाने से हमेशा दुर्घटनाओं की आशंका बने रहेगी । आइल मिल में प्रतिदिन काफी संख्या में लोड व अनलोड ट्रकों आती है व हमेशा चौक से ऑइल मिल तक सड़क किनारे काफी संख्या में ट्रक खड़ी रहती है इसकी वजह है इसी चौक में ट्रक बाडी व ट्रक गैरेज सड़क किनारे ही स्थित होना । जिसकी वजह से हमेशा यहां ट्रकों का जमावड़ा लगे रहता है । इस संबंध में “आज की जनाधार ” द्वारा कई बार समाचार का प्रकाशन कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया था पर प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से यह समस्या आज भी बनी हुई है । वहीं अनेक ग्रामीणों ने आइल मिल से निकलने वाले धुवां के साथ उड़ रहे बारीक बारीक कचरे का आंखों में भी गिरने की शिकायतें हो चुकी है । धूल युक्त धुआ आंखों के साथ साथ आसपास के खेतों को भी नुकसान पहुंचा रहा है ।जिससे फसलों का उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है ।
