25 साल बाद भी अधूरा व्यापार विहार, टूटी सड़कें, खुली नालियां और अंधेरे का साम्राज्य..

व्यापारियों का सब्र टूटा प्रशासन को एक महीने का अल्टीमेटम, नहीं सुधरे हालात तो 72 घंटे का बंद…


साल 2000 में व्यापार विहार को शहर की भीड़ से अलग एक सुव्यवस्थित थोक मार्केट के रूप में बसाया गया था। लेकिन आज, पूरे 25 साल बाद भी यहाँ बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।

जर्जर सड़कों और टूटी नालियों से लेकर बिजली की कमी तक, व्यापारी रोजाना परेशान हैं। बारिश के दिनों में हालात और भी खराब हो जाते हैं सड़कें तालाब में बदल जाती हैं, ठेले पलटते हैं, मजदूर घायल होते हैं और लाखों का माल खराब हो जाता है।खुली नालियों और अधूरे चैंबरों की वजह से हर वक्त हादसे का खतरा बना रहता है।

व्यापारियों का कहना है कि वे कई बार प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन हर बार सिर्फ भरोसे की बात कही गई काम का कोई अता-पता नहीं।
विनोद मेघानी , अध्यक्ष व्यापार विहार का कहना है कि मार्केट के विस्तार के लिए ट्रांसपोर्ट ज़ोन की जमीन भी पहले ही तय की गई थी, लेकिन आज तक उसका कोई उपयोग नहीं हुआ।

अब व्यापारी आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। उनका कहना है कि 25 साल से सिर्फ वादे सुन रहे हैं, अब अगर एक महीने के अंदर सुधार नहीं हुआ तो 72 घंटे का बंद करेंगे।
बिलासपुर का व्यापार विहार अब व्यापारियों के गले की फांस बन गया है।

25 साल का इंतज़ार और बार-बार के आश्वासन ने नाराज़गी को आंदोलन में बदल दिया है।

अब देखना होगा कि प्रशासन इस चेतावनी को कितना गंभीरता से लेता है या फिर आने वाले दिनों में व्यापार विहार पूरी तरह बंदी की ओर बढ़ेगा।

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