इंजीनियरिंग डे-2025: मध्यप्रदेश में बनेगा इंजीनियर्स रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, सीएम मोहन यादव की बड़ी घोषणा

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंजीनियरिंग डे-2025 के अवसर पर भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में इंजीनियर्स रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट स्थापित किया जाएगा, जहां इंजीनियरों को नई तकनीक और कार्य पद्धति का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे प्रदेश की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। सीएम ने इंजीनियरों की तुलना भगवान हनुमान से करते हुए कहा कि देश के अभियंताओं ने चिनाब ब्रिज जैसे निर्माणों से अपनी उत्कृष्टता साबित की है।

इंजीनियरों और ठेकेदारों का सम्मान

कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम ने लोक निर्माण सर्वेक्षण ऐप, न्यूज लेटर और लोक परियोजना प्रबंधन प्रणाली का शुभारंभ किया। उन्होंने 7 इंजीनियरों को मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया पुरस्कार और 4 ठेकेदारों को विश्वकर्मा पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह भी मौजूद थे।

अभियंता: आरंभ और शुभारंभ कर्ता

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अभियंता का अर्थ है आरंभ और शुभारंभ कर्ता। उन्होंने ईश्वर को सबसे बड़ा अभियंता बताते हुए कहा कि सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने 20वीं सदी में देश के कठिन समय में अभियांत्रिकी के नए कीर्तिमान स्थापित किए। महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने दुनिया को बताया कि पौधों में भी प्राण होते हैं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि पीएम गति शक्ति जैसे कार्यों से इंजीनियरों को प्रोत्साहन मिल रहा है। जब अंतरिक्ष मिशन असफल हुआ, तब पीएम ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश की प्राचीन संरचनाओं से प्रेरित संसद के दोनों भवन इसका उदाहरण हैं।

लोक कल्याण और तकनीकी नवाचार

सीएम ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने लोकपथ ऐप लॉन्च कर लोक कल्याण की दिशा में कदम उठाया है। उन्होंने भगवान विश्वकर्मा को सबसे बड़ा इंजीनियर बताते हुए कहा कि उन्होंने पुष्पक विमान बनाया, जो श्रीराम और सीताजी को लंका से वापस लाया। सीएम ने जोर देकर कहा कि आज की तकनीक से हम एक नहीं, अनेक ताजमहल बनाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने इंजीनियरों को भगवान हनुमान के समान बताते हुए उनकी मेहनत और नवाचार की सराहना की।

इंस्टीट्यूट की स्थापना से नई दिशा

सीएम ने घोषणा की कि इंजीनियर्स रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना से प्रदेश के इंजीनियरों को आधुनिक तकनीक और कार्य पद्धति का प्रशिक्षण मिलेगा। इससे न केवल उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश के विकास को भी नई गति मिलेगी। यह कदम मध्यप्रदेश को तकनीकी और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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