Elephant took the life, हाथी ने ली एक युवक की जान

प्रतापपुर। वन विभाग अनुभव विहीन वन परिक्षेत्र अधिकारी के लापरवाही से वन परिक्षेत्र प्रतापपुर में एक और ग्रामीण की जान चली गई। सरगुजा संभाग के सबसे ज्यादा प्रभावित वन परिक्षेत्र प्रतापपुर में अनुभव विहीन अधिकारी की पदस्थापना को लेकर कई तरह की प्रश्न उठानी लाजमी है। बताता चले की वर्तमान में जो वन परिक्षेत्र अधिकारी यहां पदस्थापना है उनको भी हाथी प्रबंधन के बारे में बिल्कुल भी अनुभव नहीं है। जबकि वन परिक्षेत्र प्रतापपुर छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक हाथी प्रभावित क्षेत्र में आता है। बीती रात ग्राम नावाडीह मे अपने दीदी जिजा के घर रहने वाले ग्राम पौड़ी सेमरा खुर्द के शेषमन 40 वर्ष रात में अपने घर वापस जा रहा था। तभी लगडा डांड हाथी के चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। वन परिक्षेत्र प्रतापपुर में लगातार हाथियों का आतंक जारी है। यहां कई दलों में हाथी अलग-अलग क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं जिससे दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित है। इन ग्रामों में रहने वाले ग्रामीण दहशत में अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। हाथी प्रबंधन के नाम पर केवल सूचना प्रदान की जा रही है। जिसे कोई ठोस उपाय नहीं हो रहा है इसके चलते लगातार हाथियों के चपेट में आकर ग्रामीणों की मौत हो रही है। वहीं प्रतापपुर वन परी क्षेत्र में एक अनुभवविहीन अधिकारी की पदस्थापना पिछले तीन-चार महीना से की गई है जिससे लगातार हाथी की घटना हो रही है। जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी इस और कभी भी अपना ध्यान नहीं देते। जिसके वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले दो दर्जन से अधिक ग्रामीण सर्वाधिक प्रभावित हैं। शासन स्तर पर भी इसकी कोई ठोस पहल नहीं हो रही है। जिससे ग्रामीणों की फसल लगातार नुकसान हो रही है और जान भी जा रही है।
बेपरवाह हो गए
हैं अधिकारी
हाथी प्रबंधन की बात करें तो वन परिक्षेत्र प्रतापपुर में केवल हाथी मित्र दलों के भरोसे हाथी प्रबंधन को छोड़ दिया गया है। कभी वरिष्ठ अधिकारी इस और ध्यान नहीं देते हैं। हाथी प्रबंधन दल में हाथी प्रबंधन से संबंधित लोगों की भी पदस्थापन नहीं की जा रही है। जिसके लापरवाही की वजह से ग्रामीण के फसल और जान भी जा रही है।