:अनूप वर्मा:
चारामा: भाजपा सरकार द्वारा 400 यूनिट तक की बिजली बिल हाफ योजना में कटौती करना राज्य के लाखो उपभोक्ताओं के लिए एक अत्यंत पीड़ादायक एवं जनविरोधी निर्णय है. यह कहना कांग्रेस नेता एवं गौ सेवा आयोग के पूर्व सदस्य नरेंद्र यादव का है. उन्होने कहा कि अभी हाल ही में साय सरकार द्वारा बिजली बिल में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि कर आम जनता को एक झटका दिया गया था और अब बिजली बिल हाफ योजना को 400 यूनिट से घटाकर 100 यूनिट कर बड़ा झटका दिया गया है याने 100 यूनिट से ज्यादा खपत पर आप को कोई छूट नहीं मिलेगी।

हम सभी जानते है रमन सरकार के समय आम जनता भारी भरकम बिजली बिल की मार से त्रस्त थी आम जनता को राहत देने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार द्वारा 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना आम नागरिकों ,मध्यम वर्ग , छोटे व्यापार्यों एवं किसानों को सीधे राहत देने के लिए बनाई गई थी.
जिससे उन्हें महंगाई से थोड़ी राहत मिलती थी खासकर कोरोना कल के लॉकडाउन के समय में इस योजना से छत्तीसगढ़ के ग़रीब एवं मध्यम वर्ग उपभोक्ताओं को बहुत राहत मिली थी । साय सरकार के इस कदम से उपभोक्ताओं को उनके खपत के अनुसार पूरा बिजली बिल देना होगा.
जिससे उन पर आर्थिक बोझ में अप्रत्याशित वृद्धि होगी यह निर्णय खासकर उन परिवार पर भारी पड़ेगा जो सीमित आय में गुजारा करते हैं और जिनकी मासिक बिजली खपत 400 यूनिट तक रहती थी.
यादव ने आगे कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने इस योजना के माध्यम से जनहित को प्राथमिकता दी थी और लोगों को महंगाई से राहत दिलाने का प्रयास किया था
लेकिन वर्तमान साय सरकार ने भूपेश सरकार की इस योजना को डेढ़ साल तक लोकसभा ,नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव तक मजबूरी वश जारी रखा ओर सभी चुनाव निपट जाने के बाद इसे एक झटके में बदल दिया जो यह दर्शाता है कि उनकी प्राथमिकताओं में आम जनता नहीं है कांग्रेस पार्टी इस निर्णय का विरोध करती है
और मांग करती है कि राज्य सरकार यह जनविरोधी निर्णय को वापस लेते हुए इस योजना को पुरानी व्यवस्था की तरह चालू करें जिससे आम जनता को राहत मिल सके यदि सरकार ने इस पर जल्द पुनर्विचार नहीं करती है तो कांग्रेस पार्टी आम जनता के साथ मिलकर सड़को पर उतरेगी और इस जन् विरोधी नीति का पुरजोर विरोध करेगी