:विनोद कुशवाहा:
बिलासपुर: एजुकेशन हब का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। नगर निगम प्रशासन ने इसके लिए दयालबंद क्षेत्र में 16 एकड़ जमीन का चयन किया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य शहर के हजारों छात्रों को बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं और सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना है। फिलहाल शहर के 52 से अधिक कोचिंग संस्थानों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने का काम चल रहा है, जिनमें से अधिकांश किराए के कमरों में संचालित हो रहे हैं।

दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में हुए अग्निकांड में तीन छात्रों की मौत के बाद बिलासपुर प्रशासन ने शहर के सभी कोचिंग संस्थानों का सर्वेक्षण कराया था। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही एजुकेशन हब की योजना तैयार की गई। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक दिल्ली हादसे और देश के अन्य शहरों में हुई आगजनी की घटनाओं ने प्रशासन को कोचिंग सेंटर्स की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीरता से विचार करने को मजबूर किया, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।सर्वेक्षण में सामने आया कि अधिकांश कोचिंग संस्थानों में बिजली, आग और पानी से बचाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
कई इमारतें मानकों के अनुरूप मजबूत भी नहीं पाई गईं। जांच के दौरान यह तथ्य भी उजागर हुआ कि शहर के कुल 52 कोचिंग सेंटर्स में से केवल तीन-चार के पास ही अपनी खुद की इमारतें हैं, जबकि बाकी 48 संस्थान किराए के कमरों में चल रहे हैं, जहां छात्रों की सुरक्षा की कोई पुख्ता गारंटी नहीं है।

नई योजना के तहत प्रस्तावित एजुकेशन हब में 500 सीटों वाली लाइब्रेरी, 700 सीटों की क्षमता वाला ऑडिटोरियम, 300-300 सीटों वाले तीन अलग-अलग एकेडमिक ब्लॉक और एक कैफेटेरिया का निर्माण किया जाएगा। अधिकारी बताते हैं कि इस हब में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को एक ही परिसर में अत्याधुनिक, सुरक्षित और सर्वसुविधायुक्त भवन में कोचिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।
इससे न सिर्फ छात्रों को बेहतर माहौल मिलेगा, बल्कि प्रशासन के लिए भी सुरक्षा और मानकों की निगरानी आसान होगी। जानकारी के अनुसार एजुकेशन हब और नालंदा परिसर की संयुक्त योजना लगभग 100 से 120 करोड़ रुपये की है।
यह परियोजना केंद्र सरकार की एसएसएस योजना के तहत प्रस्तावित है, जिसके माध्यम से देश की अहम शैक्षणिक योजनाओं को अनुदान दिया जाता है। इसी सिलसिले में नगर निगम आयुक्त ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित केंद्रीय शहरी एवं आवासन मंत्रालय में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया, जिसके आधार पर आगे डीपीआर बनाने और स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू होगी।