दुर्ग। दुर्ग जिले के बेलौदी गांव में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर मिडिल और प्राइमरी स्कूल के बच्चों ने अपने पालकों और ग्रामीणों के साथ मिलकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। लंबे समय से शिकायतें करने के बाद भी समाधान नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने दुर्ग–नगपुरा मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया, जिसके चलते आवागमन घंटों बाधित रहा।

ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि वे कई महीनों से स्कूलों में शिक्षकों की अनुपलब्धता की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। परेशान होकर आज ग्रामीण सड़क पर उतर आए और धरना देकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। एक महिला प्रदर्शनकारी ने बताया कि मिडिल और प्राइमरी स्कूल में केवल एक-एक शिक्षक के भरोसे पढ़ाई चल रही है, जबकि यह स्थिति 4 से 6 महीने से जारी है। “हम स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमारी बात सुनी नहीं जा रही,” उन्होंने कहा।

वहीं संकुल प्राचार्य कुमुद सिंह ने वर्तमान शिक्षक व्यवस्था का ब्यौरा देते हुए बताया कि पहले स्कूल में दो स्थायी शिक्षक और एक प्रधान पाठक पदस्थ थे, लेकिन हाल ही में प्रधान पाठक का प्रमोशन होने से उनका स्थानांतरण हो गया है। इसके अलावा, मौजूदा दो शिक्षक—महेश चौधरी और सिंदूर मैडम—की बीएलओ ड्यूटी लगने के कारण वे स्कूल में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं।
प्राथमिक विद्यालय में भी एकमात्र शिक्षिका की ड्यूटी बीएलओ में लग गई है। ऐसे में ग्राम पंचायत की ओर से अस्थायी तौर पर एक शिक्षक की व्यवस्था की गई है। मिडिल स्कूल के लिए सितंबर में भानुप्रताप देवांगन को नियुक्त किया गया था, लेकिन दुर्घटना में गंभीर चोट लगने के बाद वह चिकित्सा अवकाश पर चले गए हैं।

प्राचार्य कुमुद सिंह ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए शनिवार को तत्काल कार्रवाई करते हुए स्टाफ को सोमवार से स्कूल में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। सोमवार को सभी शिक्षक स्कूल पहुंच भी गए। वर्तमान में प्राथमिक स्कूल में 96 छात्र, जबकि मिडिल स्कूल कक्षा 6 से 8 में 61 छात्र पढ़ रहे हैं।