:संजय सोनी:
भानुप्रतापपुर। युक्तियुक्तकरण के तहत शिक्षको के अतिशेष सूची बनाने में शिक्षा अधिकारी के द्वारा भेदभाव किये जाने की बात सामने आ रही है। शासन द्वारा निर्धारित नियमो के अनुसार प्राथमिक शाला में दर्ज 60 बच्चे तक 1+1 शिक्षक, एवं माध्यमिक शाला में 105 बच्चों तक 1+3 का प्रावधान रखा गया है।
लेकिन भानुप्रतापपुर ब्लाक के कई प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में अनुपात से अधिक शिक्षक पदस्थ है। जिनमे कई अटैच है व कई शालाओ में अतिरिक्त शिक्षक पदस्था है।
प्राथमिक शाला मुंगवाल में 1 सोना राम कुलदीप प्रधानपाठक, 2 रंजना ध्रुव,3 ललिता कांगे, 4 लीलेश्वर कुलदीप वर्तमान में पदस्थ है। स्कूल से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में 67 बच्चे थे लेकिन 15 बच्चे कक्षा 6 वी में चले गए।
कुछ बच्चे के परिजन हॉस्टल छात्रवास में पढ़ाने के नाम से टीसी निकाल रहे है। वर्तमान में दर्ज संख्या लगभग 60 के करीब है। यहां पर 1+1 होना था यहा भी दो शिक्षक अतिशेष होना था, लेकिन क्यो नही किया गया इसे शिक्षा अधिकारी ही अच्छे से बता पाएंगे।
प्राथमिक शाला के अलावा पूर्व माध्यमिक शाला मुंगवाल में 1 कृष्ण कुमार सिंग प्रधानपाठक,2 चिमन लाल मोरिया,3 लोकेश्वरी तेता,4, रूपेंद्र साहू परिवीक्षा अवधि,5 जितेश साहू परिवीक्षा अवधि शिक्षक है। यहा पर भी दर्ज संख्या 59 के करीब बताये जा रहे है। जबकि नियम 105 में 1+3 का प्रावधान है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार श्रीमती लीलेश्वरी तेता अतिशेष होना था, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी भानुप्रतापपुर कार्यालय के कर्मचारी के करीबी रिश्तेदार होने के कारण अतिशेष सूची में नाम नही डाला गया।
जो अन्य शिक्षको के लिए न्याय संगत नही है। बता दे कि मीडिल स्कूल में दो वरिष्ठ शिक्षक है, व दो परिवीक्षा अवधि में है, नियम के अनुसार श्रीमती लीलेश्वरी तेता अतिशेष हो रही है लेकिन उनका नाम क्यो नही निकाला गया? किनका रिश्तेदार है नाम अगली अंक में प्रकाशित किया जाएगा।
इससे तो यही निष्कर्ष निकलता है कि अतिशेष आम शिक्षको के लिए है। अधिकारी व विभाग के कर्मचारी नियम से परे है। यही कारण अतिशेष होने के बावजूद सूची में उनका नाम नही आया।
दूसरे शब्दों में कहे तो नेता, अधिकारी व कर्मचारियों पर नियम लागू नही होती है। या फिर आज के समय मे ऊंची पहुच, व अधिकारी से सेटिंग होना बहुत जरूरी है।
प्राथमिक शाला शंकरनगर में दर्ज संख्या 60 से बहुत कम है, लेकिन वहां भी शिक्षको की संख्या तीन बताये जा रहे है। जिनमे श्रीमती उसेंडी मेडम, मनीषा ठाकुर एवं चन्द्रिका पटेल पदस्थ है। नियमतः एक अतिशेष होना था लेकिन नही किया गया।
मावा मोदोल भानुप्रतापपुर में एक प्राथमिक शाला मुंगुर के शिक्षक धर्मराज कोरेटी, वही माध्यमिक शाला कुल्हाडकट्टा के शिक्षक हेमप्रकाश बेलसरिया पदस्थ है जो साहब के साथ उठना बैठना है।
प्राथमिक शाला सलिहापारा भानुप्रतापपुर जो खंड शिक्षा कार्यालय से महज ही कुछ दूरी पर है वहा दर्ज संख्या 37 है, नियम 1+1 होना था लेकिन वहा भी तीन शिक्षक है जिनमे एक अटैच है। श्रीमती तारकेश्वरी नेताम प्रधानपाठक, गंगा कोमरे, एवं कुसुमलता शर्मा पदस्थ है।
प्राथमिक शाला साल्हे में दर्ज संख्या 40 है जबकि शिक्षक तीन रविशंकर यादव प्रधानपाठक, दुलारी कोमिया, सहायक शिक्षक एवं लेमेश खरे अटैच शिक्षक जो दुर्गुकोंदल ब्लाक के प्राथमिक शाला हड़फड़ से आई थी।
प्राथमिक शाला तुड़गे में दर्ज संख्या 42 है हरिशंकर यादव प्रधानपाठक,आलोक तिवारी, हरीश मंडावी शिक्षक पदस्थ है। जबकि एक अतिशेष होना था।
माध्यमिक शाला हरनपुरी में अटैच शिक्षक को प्राथमिकता देते हुए शिक्षक चंद्रहास भास्कर को अतिशेष किया गया जबकि भास्कर 1+3 के सेटअप में था, परेशान शिक्षक न्याय के लिए कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी के पास अपनी समस्या रखी, लेकिन उनकी बात कोई नही सुना। कोंटा सुकमा का रास्ता दिखा दिया
प्राथमिक शाला नारायणपुर में भी पार्वती समरथ को बचाने के लिए परिवीक्षा अवधि वाले शिक्षक राधेश्याम को प्राथमिक शाला बसंतनगर में अटैच कर दिया गया। जबकि परिवीक्षा अवधि वाले को तीन साल तक स्थान परिवर्तन संभव नही यह शासन कह रही है।
इनके अलावा ब्लाक के कई प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में अनुपात से अधिक शिक्षक पदस्थ है, जिसे शीघ्र ही प्रसारित किया जायेगा। युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष सूची का समाचार प्रकाशित करते हुए जिले के जवाबदार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन आज पर्यन्त तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नही होना समझ से परे है।