बालोद। मेहनत, लगन और संकल्प से सफलता की नई कहानी लिखी जाती है — यह सिद्ध किया है बालोद जिले के अर्जुंदा टिकरी निवासी धर्मेश कुमार देशमुख ने। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले धर्मेश ने UPSC जियोलॉजिस्ट एग्जाम 2025 में देशभर में दसवां स्थान हासिल कर न केवल अपने माता-पिता, बल्कि पूरे जिले का नाम गौरवान्वित किया है। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि और सीमित संसाधनों के बावजूद, दृढ़ इच्छाशक्ति और परिश्रम से बड़े सपने साकार किए जा सकते हैं।
धर्मेश, जिन्हें घर में स्नेह से चिंटू कहा जाता है, गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र के छोटे से गांव अर्जुंदा टिकरी के निवासी हैं। उनके पिता पन्नालाल देशमुख किसान हैं और परिवार के पास ढाई एकड़ कृषि भूमि है। किसान परिवार में पले-बढ़े धर्मेश ने सीमित सुविधाओं के बावजूद उच्च शिक्षा प्राप्त की और अपने लक्ष्य को हासिल किया।
उन्होंने प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा अर्जुंदा के सरकारी स्कूल में पूरी की, जबकि स्नातक की पढ़ाई दुर्ग के साइंस कॉलेज से की। वर्तमान में धर्मेश रायपुर साइंस कॉलेज में अतिथि व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं।
धर्मेश ने बताया कि UPSC की यह परीक्षा तीन चरणों में होती है — प्रारंभिक परीक्षा फरवरी 2025 में, मुख्य परीक्षा जून में और साक्षात्कार सितंबर में आयोजित हुआ था।
जैसे ही धर्मेश की सफलता की खबर अर्जुंदा और आसपास के गांवों में पहुंची, पूरे क्षेत्र में हर्ष का माहौल बन गया। गांव के लोग, जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों के सदस्य उनके घर पहुंचकर बधाई देने लगे। यह सफलता न केवल धर्मेश देशमुख की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि बालोद जिले और छत्तीसगढ़ राज्य के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है।